सचिन पायलट की इस मांग को पूरा करेंगे CM भजनलाल शर्मा, स्पीकर ने सौंपी रिपोर्ट
- स्पीकर वासुदेव देवनानी ने हरियाणा लोक सेवा आयोग का अध्ययन कर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को रिपोर्ट सौंप दी है।
पेपर लीक मामले में राजस्थान लोक सेवा आयोग यानी आरपीएससी से दो सदस्यों की भूमिका के बाद सरकार एक्शन के मोड पर है। भजनलाल सरकार राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के पुनर्गठन की तैयारी में है। फिलहाल हरियाणा लोक सेवा आयोग की तरह आरपीएससी में सदस्यों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
दरअसल, सरकार ने पिछले महीने आरपीएससी के पुनर्गठन को लेकर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहां था। देवनानी ने हरियाणा लोक सेवा आयोग का अध्ययन कर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को रिपोर्ट सौंप दी है। माना जा रहा है कि रिपोर्ट में आरपीएससी के सदस्यों की संख्या बढ़ाने की अनुशंषा की है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट आरपीएससी को भंग या पुनर्गठन करने की मांग करते रहे है। बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीणा भी कुछ इसी तरह की मांग सीएम से करते रहे है। पायलट ने अलवर दौरे के दौरान एक बार फिर आरपीएससी को भंग करने की मांग की है। पायलट ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि आरपीएससी का पुनर्गठन करके इसमें अच्छे लोगों को बैठाए।
पायलट ने कहा कि आरपीएससी गंगोत्री है, जहां से लोगों को नौकरी मिलती है। अगर इसे भंग नहीं कर सकते तो पुनर्गठन करके नए लोगों को बैठाओ। सब हो सकता है, सरकार को कौन रोक रहा है। संदिग्ध लोगों को बैठाएंगे जो पैसे लेते हुए पकड़ें जा रहे हैं। जेल जा रहे हैं तो नौजवानों की संस्था के प्रति क्या आस्था बचेगी। उसे कौन मानेगा।
बता दें आरपीएसी के पुनर्गठन को लेकर किरोड़ी लाल मीणा ने बीते दिनों ऐसे संकेत दिए थे कि इस मामले में सरकार गंभीर है। उन्होंने कहा कि सरकार इसको अपने स्तर पर एग्जामीन करवा रही है। अगर वास्तव में कोई ज्यादा प्रॉब्लम नहीं हुई तो उसमें कोई दिक्कत नहीं है। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने बीते दिनों पेपर लीक के कारण विवादों में घिरी राजस्थान लोक सेवा आयोग के पुनर्गठन की मांग उठाई थी। अब उनकी मांग का कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने भी समर्थन किया है। लेकिन साथ ही मंत्री मीणा ने इस इस मसले में सवाल भी खड़े किए। सचिन पायलट के आरपीएसी के पुनर्गठन वाले सवाल पर मंत्री डॉ. मीणा ने कहा कि सचिन पायलट कह तो सही रहे हैं लेकिन यह काम उनके राज में हो जाता तो ठीक था।