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जज्बा ऐसा कि 10 घंटे में ढाल दी 8500 स्क्वायर फीट की छत, गुरुद्वारा निर्माण के लिए श्रमदान

  • खास बात यह है कि इसमें हजारों की संख्या में सेवा देने के लिए संगत जुटी थी। सुबह 8 बजे से काम शुरू हुआ और शाम 6 बजे तक पूरी छत ढाल दी गई यानी इसमें कुल 10 घंटे का वक्त लगा।

Prem Narayan Meena लाइव हिन्दुस्तानSat, 9 Nov 2024 08:32 AM
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राजस्थान के कोटा के बूंदी रोड स्थित आगमगढ़ गुरुद्वारा बड़गांव में नए दरबार साहिब और अन्य निर्माण कार्य जोर-शोर से चल रहे हैं। सिख समाज के साथ ही अन्य धर्मों के लोग भी श्रमदान के लिए पहुंच रहे हैं। गुरुद्वारे के 8500 स्क्वायर फीट एरिया में ग्राउंड फ्लोर की छत ढाली जा चुकी है। खास बात यह है कि इसमें हजारों की संख्या में सेवा देने के लिए संगत जुटी थी। सुबह 8 बजे से काम शुरू हुआ और शाम 6 बजे तक पूरी छत ढाल दी गई यानी इसमें कुल 10 घंटे का वक्त लगा।

गुरुद्वारे में निर्माण के लिए केवल तकनीकी जानकारी वाले एक्सपर्ट को ही लगाया गया है। इसके अलावा कारीगरों की एक पूरी टीम पंजाब से आई है, जबकि शेष सभी काम संगत के जरिए ही करवाई जा रही है। यहां पर आने वाली निर्माण सामग्री भी सेवा के जरिए ही लोग पहुंच रहे हैं और स्वप्रेरणा से ही लोग काम के लिए खुद जुट रहे हैं।

दूसरे राज्यों से भी आ रहे लोग संत बाबा लक्खा सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि गुरुद्वारे में पहले से भी लोग सेवा देने के लिए रोज आते रहे हैं। इसके अलावा निर्माण कार्य जब चल रहा है, तब लोगों की संख्या बढ़ रही है। साथ ही जिस दिन कोई बड़ा स्ट्रक्चर निर्माण का काम होता है तो उस दिन अधिक लोगों से श्रमदान की अपील की जाती है। ईटीवी भारत राजस्थान की खबर के अनुसार उसके बाद बड़ी संख्या में लोग सेवा के लिए खुद ही चले आते हैं। ऐसे में मजदूरों की कोई जरूरत नहीं होती है।

कोटा सेंट्रल श्री गुरुसिंह सभा के प्रधान तरुमीत सिंह बेदी के मुताबिक सेवा देने वाले लोग कोटा के ही नहीं, बूंदी, बारां, झालावाड़, भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ सहित अन्य कई जिलो के हैं। यहां तक कि पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा व उत्तर प्रदेश के भी कई लोग यहां आकर सेवा दे रहे हैं। कोटा और आसपास के लोग जो विदेश चले गए हैं, वे भी जब कोटा आ रहे हैं तो गुरुद्वारे में सेवा देने के लिए पहुंच रहे हैं।

यहां तक कि यहां गुरुद्वारे में आकर ठहरने वाले लोग भी सेवा दे रहे हैं।पहले दरबार साहिब का भवन 30 गुना 30 फीट का था। गुरुद्वारा का परिसर बड़ा होने से श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ गई है। ऐसे में संगत भी लगातार बढ़ रही है, जिसके चलते दरबार साहिब का विस्तार किया जाना तय किया था। इसके लिए पूरी तरह से कार सेवा के जरिए ही निर्माण हो रहा है। इसके गुंबद पर सोने का शिखर चढ़ाया जाएगा। यह निर्माण करीब दो महीने पहले शुरू हुआ है। इसमें भी डेढ़ साल से ज्यादा समय लगेगा।

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