15 शहरों में बनेंगे रिंग रोड और 9 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का भी तोहफा, राजस्थान के बजट में बड़ा ऐलान
राजस्थान की वित्त मंत्री दीया कुमारी ने बजट भाषण में कहा कि राजस्थान सरकार 60,000 करोड़ रुपये की लागत से नौ ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाएगी।इसके साथ ही यातायात की भीड़ को कम करने के लिए 15 शहरों में रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव रखा गया है।
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राजस्थान सरकार ने इस बार के बजट में प्रदेश की सड़कों पर ट्रैफिक जाम घटाने और सड़कों की सूरत संवारने पर भी खास फोकस किया है। उपमुख्यमंत्री के साथ वित्त मंत्री का पद संभालने वाली दीया कुमारी ने आज अपने बजट भाषण में इसका ऐलान किया। दीया कुमारी ने बजट भाषण में कहा कि राजस्थान सरकार 2750 किलोमीटर लंबाई के 60,000 करोड़ रुपये की लागत से नौ ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाएगी। इसके साथ ही यातायात की भीड़ को कम करने के लिए 15 शहरों में रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव रखा है।
इन शहरों में बनेंगे रिंग रोड
प्रदेश के प्रमुख शहरों में ट्रैफिक के बढ़ते दबाव से राहत दिलाने और सड़क सुरक्षा तथा सुचारु आवागमन सुनिश्चित करने के लिए प्रथम चरण में बालोतरा, जैसलमेर, जालौर, सीकर, डूंगरपुर, झालावाड़, बांसवाडा, डीग सहित 15 शहरों में रिंग रोड बनाए जाएंगे। इसके लिए सरकार ने डीपीआर बनाने के लिए 50 करोड़ प्रावधान किया है।
इसके साथ ही वित्त मंत्री दीया कुमारी ने 6000 करोड़ की लागत से 21000 किमी नॉन पेचेबल सड़कों के निर्माण की भी घोषणा की। इसके तहत प्रथम चरण में हर विधानसभा क्षेत्र में 10-10 करोड़ और मरुस्थली क्षेत्र में 15-15 करोड़ की लागत से सड़कों के निर्माण की घोषणा की गई है।
वित्त मंत्री ने जयपुर से बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सर्विस) को भी हटाने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राजस्थान में 9600 किमी से अधिक नवीन सड़कों का निर्माण एवं 13000 किलोमीटर सड़कों का उन्नयन किया है, साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सहयोग से राम जल सेतु लिंक परियोजना का कार्य प्रारंभ किया गया। इन सड़कों के निर्माण से न केवल यातायात सुदृढ़ होगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा और राज्य के दूरदराज क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बेहतर होगी साथ ही राम जल सेतु लिंक परियोजना न केवल राजस्थान के किसानों के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि पूरे राज्य में जल आपूर्ति के नेटवर्क को मजबूत करने में मदद करेगी।
बता दें कि, राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र 31 जनवरी को राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े के साथ अभिभाषण शुरू हुआ था। गवर्नर के अभिभाषण पर सरकार की ओर से 7 फरवरी को जवाब दिया गया। इसके बाद 8 से 18 फरवरी तक सदन में छुट्टियां आ रही हैं।