हनुमान बेनीवाल ने पत्नी की हार को मूंछ-दाढ़ी से जोड़ा, पैसे बांटने का आरोप; पुराने दोस्तों पर भी बोले
राजस्थान उपचुनाव में खींवसर विधानसभा सीट पर आरएलपी की उम्मीदवार कनिका बेनीवाल की हार से पार्टी प्रमुख हनुमान बानीवाल को बड़ा झटका लगा है। उन्होंने पत्नी की हार के कारणों को मूंछ-दाढ़ी वाले बयान से जोड़ते हुए पैसे बांटने का आरोप भी लगाया है।
राजस्थान उपचुनाव में खींवसर विधानसभा सीट पर आरएलपी की उम्मीदवार कनिका बेनीवाल की हार से पार्टी प्रमुख हनुमान बानीवाल को बड़ा झटका लगा है। उन्होंने पत्नी की हार के कारणों को मूंछ-दाढ़ी वाले बयान से जोड़ते हुए पैसे बांटने का आरोप भी लगाया है।
राजस्थान उपचुनाव में पत्नी कनिका बेनीवाल की हार से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) प्रमुख हनुमान बेनीवाल को करारा झटका लगा है। उन्होंने इस हार को बीजेपी के मंत्री की मूंछ कटवा लेने वाले बयान से जोड़ा है। दरअसल, राजस्थान के मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा था कि वह गारंटी देते हैं कि यह सीट हार ही नहीं सकते हैं। अगर हार गए तो वह अपनी मूंछ-दाढ़ी कटवाकर और सिर मुंडवा कर चौक पर खड़े हो जाएंगे।
चुनाव परिणामों के बाद एनडीटीवी से बातचीत में हनुमान बेनीवाल ने कहा कि मंत्री के मूंछ कटवाने वाले बयान की उनकी पत्नी की हार में बड़ी भूमिका रही। बेनीवाल ने कहा कि मंत्री के इस बयान से राजपूत और अन्य वोट जबरदस्त तरीके से बंट गया। इससे कई पंचायतों में हार मिली। जिन पंचायतों में उम्मीद थी कि 5 सौ वोटों से हारूंगा, वहां 12-13 सौ वोटों से हार मिली। कहीं न कहीं मंत्री ने जो प्रतिष्ठा का सवाल बनाकर समाज के सामने रोए कि हनुमान जीत गया तो मुझे मूंछ-दाढ़ी हटानी पड़ेगी, इस बात को लोगों ने मन से लिया।
आरएलपी प्रमुख ने कहा कांग्रेस और बीजेपी भी एक साथ थी। जो लोग उनसे इस सीट से हारे थे, वे भी एकजुट थे। वे लोग गांव-गांव जाकर लोगों के सामने रो रहे थे कि कैसे भी करके मेरी बात रखो और हनुमान बेनीवाल को हराओ। उन्होंने इस बार खूब पैसे बांटे। उन्होंने कहा कि सरकार की इज्जत का सवाल था। सरकार यह कह रही थी कि हनुमान बेनीवाल की आरएलपी तो हारनी ही चाहिए। इतना जोर इन्होंने शायद राजस्थान की किसी दूसरी सीट पर नहीं लगाया।
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि उन्हें हराने में उनके बीजेपी के पुराने मित्रों ने भी बड़ी भूमिका निभाई। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उनका वोट घटा नहीं है। साथ ही कहा कि बीजेपी का उम्मीदवार मेरे ही यहां से गया हुआ था। मेरी ही पार्टी का प्रधान प्रतिनिधि था। इसके अलावा सरकार ने सत्ता का जमकर दुरुपयोग किया। सरकार ने विधायक निधि के मेरे 5 करोड़ रुपये भी रोक लिए। इसके लेकर मैं हाई कोर्ट गया हूं। सासंद निधि के 5 करोड़ रुपये जो मैंने दे दिया, उन कामों को भी चालू नहीं होने दिया। साथ ही चुनाव के दौरान मेरे लोगों को जबरदस्त तरीके से परेशान किया गया। धनबल और 12-15 मंत्री के साथ हर जाति से जुड़े 50 विधायक हराने के लिए लगा दिए।
बता दें कि नागौर जिले की खींवसर सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी के रेवंत राम डांगा ने बाजी मारी। उन्होंने आरएलपी की उम्मीदवार और पार्टी प्रमुख हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल को 13901 वोटों के अंतर से हराया। डांगा को 108628 वोट मिले जबकि कनिका बेनीवाल को 94727 वोट मिले।