राजस्थान में इस साल रिकॉर्ड तोड़ बारिश, 116 साल में तीसरी बार हुई इतनी बरसात; 57% बांध ओवरफ्लो हुए
- मौसम विभाग का कहना है कि पिछले 116 सालों में यह केवल तीसरा मौका है, जब राजस्थान में इतनी अधिक बरसात हुई है। वहीं इस साल हुई शानदार बारिश के चलते कई इलाकों में बाढ़ के हालात भी बने, जिससे राज्य के 691 बांधों में से 392 बांध ओवरफ्लो हो गए।
राजस्थान में इस साल मॉनसून जबरदस्त तरीके से मेहरबान रहा और इतनी बारिश हुई कि सालों पुराने रिकॉर्ड टूट गए। मौसम विभाग के आंकड़ों की मानें तो राज्य में इस बार औसत से 58% अधिक बारिश हुई है, जो कि देश में सबसे ज्यादा है। इस दौरान यहां कुल 669.3 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई। जिसके चलते औसत से अधिक वर्षा के मामले में राजस्थान देश में शीर्ष स्थान पर रहा, जबकि बिहार और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में बेहद कम पानी गिरा और यहां औसत से 27% तक कम वर्षा रिकॉर्ड की गई।
मौसम विभाग का कहना है कि पिछले 116 सालों में यह केवल तीसरा मौका है, जब राजस्थान में इतनी अधिक बरसात हुई है। इससे पहले राज्य में इतनी जोरदार बारिश साल 1917 में 844.2 मिमी और 1908 में 682.2 मिमी दर्ज की गई थी। वहीं इस साल हुई शानदार बारिश के चलते कई इलाकों में बाढ़ के हालात भी बने, जिससे राज्य के 691 बांधों में से 392 बांध ओवरफ्लो हो गए।
ये है इतनी शानदार बारिश की वजह
राजस्थान में मॉनसून के जबरदस्त प्रदर्शन को लेकर मौसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने कहा कि अच्छी बारिश का मुख्य कारण मॉनसून की रेखा का लंबे समय तक अपनी सामान्य स्थिति में बने रहना है। यह न तो उत्तर की ओर बढ़ी और न ही दक्षिण की ओर, जिससे मॉनसून सितंबर के पहले सप्ताह तक सक्रिय अवस्था में रहा और इसमें किसी तरह की कोई रुकावट नहीं आई।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 से 15 सालों में बारिश की प्रवृत्ति बदल गई है। जिन क्षेत्रों (पूर्वोत्तर भारत के राज्य) में पहले अधिक बारिश होती थी, वहां आंकड़े कम हो गए हैं। जबकि जिन क्षेत्रों (मध्य और पश्चिमी भारत) में पहले कम वर्षा होती थी, लेकिन अब वहां मॉनसून के दौरान ज्यादा वर्षा हो रही है।
'बैक-टू-बैक बनती रहीं मौसमी प्रणालियां'
शर्मा ने आगे बताया, 'राजस्थान में इस मॉनसून सीजन के दौरान रिकॉर्ड तोड़ बारिश का मुख्य कारण बैक-टू-बैक मौसमी प्रणालियों का बनना था। बंगाल की खाड़ी में हल्के और मजबूत दोनों तरह के कई कम दबाव वाले सिस्टम विकसित हुए और मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमाओं तक पहुंच गए। जुलाई और अगस्त के दौरान, एक के बाद एक सात से अधिक छोटे और बड़े सिस्टम बने। इसके अलावा, अरब सागर से मॉनसून की शाखा भी इस साल सक्रिय रही, जिससे राज्य में नमी का निरंतर प्रवाह हुआ।'
मौसम विभाग के निदेशक शर्मा ने आगे कहा, 'राजस्थान में बारिश की मात्रा भले ही अन्य राज्यों की तुलना में कम हो, लेकिन सामान्य वर्षा के स्तर के मुकाबले यह देश में औसत से काफी अधिक बारिश के साथ सबसे आगे है।'
ऐसी है राज्य के बांधों में पानी की स्थिति
राजस्थान में इस साल शानदार बारिश की वजह से इस सीजन में 57 प्रतिशत बांध ओवरफ्लो हो गए हैं। राज्य के 691 बांधों में से 392 ओवरफ्लो हो गए हैं, जबकि 192 बांध आंशिक रूप से भरे हुए हैं। अभी भी 107 बांध सूखे हैं, जिनमें पानी नहीं है। इन 691 बांधों की कुल जल संग्रहण क्षमता 12,900.82 मिलियन क्यूबिक मीटर है। वर्तमान में इनमें 11,110.87 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी संग्रहित किया जा चुका है, जो कुल क्षमता का 72.80 प्रतिशत है। 4.25 मिलियन क्यूबिक मीटर से अधिक क्षमता वाले 22 प्रमुख बांधों में से केवल 3 ही खाली हैं। 13 बांध पूरी तरह भर चुके हैं तथा शेष छह बांधों में जलस्तर 50 से 90 प्रतिशत के बीच है।