BJP-कांग्रेस के लिए साख का सवाल बनी रामगढ़ सीट, दोनों ने उपचुनाव में क्यों लगाया पूरा जोर
- राजस्थान की रामगढ़ विधानसभा सीट को कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों ने साख का सवाल बना लिया है। दोनों ही पार्टियां इस सीट पर जीत के लिए पूरा जोर लगा रही हैं। गुरुवार को नामांकन भरने के लिए दोनों ही पार्टियों के दिग्गज रामगढ़ पहुंच रहे हैं।
देश की कई विधानसभा सीटों को लेकर चुनाव आयोग ने उपचुनाव का ऐलान किया है। इसमें राजस्थान की रामगढ़ विधानसभा सीट भी शामिल है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों ने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। भाजपा ने सुखवंत सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। सुखवंत पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे थे। कांग्रेस ने दिवंगत विधायक जुबेर खान के बेटे आर्यन जुबेर को मैदान में उतारा है। दोनों ही पार्टियों ने इस सीट को पर पूरा जो लगा दिया है। इस सीट के महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आज होने वाले नामांकन में दोनों ही पार्टियों के कई बड़े दिग्गज आएंगे।
अलवर के रामगढ़ में बीजेपी ने सुखवंत सिंह टिकट देने के बाद नामांकन आज करेंगे। उनके साथ मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा नामांकन के दौरान मौजूद रहेंगे। इससे पहले एक बड़ी सभा का आयोजन भी किया जाएगा। इस जनसभा में क्षेत्र के हजारों लोग मौजूद रहेंगे। मुख्य मंत्री भजनलाल शर्मा, अलवर सांसद भूपेंद्र यादव, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, चुनाव प्रभारी गौतम दक, वन मंत्री संजय शर्मा जन सभा को संबोधित करेंगे। इस दौरान कई विधायक पदाधिकारियों सहित हजारों समर्थक मौजूद रहेंगे।
कांग्रेस दिग्गज भी शामिल होंगे
कांग्रेस पार्टी के द्वारा आर्यन जुबेर को रामगढ़ से मैदान में उतारा है। उनके नामांकन में पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली मौजूद रहेंगे। आज नामांकन के बाद दोनों ही प्रत्याशी जोर शोर से चुनाव प्रचार में जुट जाएंगे। दोनों प्रत्याशियों के नामांकन के दौरान जुटेंगे राजनीति के दिग्गज कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशियों के नामांकन के दौरान दोनों ही पार्टियों के दिग्गज मौजूद रहेंगे।
रामगढ़ में हिन्दू और मुस्लिम वोटर्स की संख्या लगभग बराबर हैं। बीजेपी प्रत्याशी सुखवंत सिंह लोकल प्रत्याशी होने के साथ-साथ पुराने पार्टी पदाधिकारी हैं। सुखवंत पिछले कई सालों से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। सुखवंत 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने से नाराज हो गए थे। तब उन्होंने असपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और दूसरे नंबर पर रहे थे। पिछले चुनाव में कांग्रेस से जुबेर खान जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। लेकिन जुबेर खान की बीमारी के चलते देहान्त हो जानें के बाद उपचुनाव में कांग्रेस ने उनके बेटे आर्यन खान को टिकट देकर इमोशनल कार्ड खेला है। एक तरफ बीजेपी हिन्दू कार्ड खेलना चाहेगी, वहीं कांग्रेस मुस्लिम कार्ड खेलकर जीत का सेहरा अपने सिर सजाने की कोशिश करेगी। रामगढ़ विधानसभा सीट दोनों ही पार्टियों के कद्दावर नेताओं की साख का सवाल हो गया है। ऐसे में दोनों ही पार्टियों के नेता सीट निकालने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं।