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राजस्थान : सुरक्षा में कटौती से भड़के नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल, दोनों सरकारी गनर भी लौटाए

राजस्थान के नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने अपनी सरकारी सुरक्षा में कटौती से नाराज होकर 27 अप्रैल को सरकार को अपने दोनों सरकारी गनर भी वापस कर दिए। अपने इस कदम के पीछे उन्होंने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तानTue, 29 April 2025 02:16 PM
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राजस्थान : सुरक्षा में कटौती से भड़के नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल, दोनों सरकारी गनर भी लौटाए

राजस्थान के नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने अपनी सरकारी सुरक्षा में कटौती से नाराज होकर 27 अप्रैल को सरकार को अपने दोनों सरकारी गनर भी वापस कर दिए। अपने इस कदम के पीछे उन्होंने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि सरकार ने उन्हें 11 साल से हथियार नहीं दिए, जबकि उन्हें जान का खतरा था। बेनीवाल का कहना है कि उन्हें न तो राज्य सरकार की तरफ से कोई पर्याप्त सुरक्षा दी गई और न ही लाइसेंस पर कोई कार्रवाई हुई, जबकि उन्हें जान से मारने की धमकी मिल चुकी थी।

2014 में एक मामले के बाद उन्होंने अपने लाइसेंसी हथियार पुलिस थाने में जमा करवा दिए थे, लेकिन 2017 में उस मामले में एफआर लगने के बावजूद हथियार उन्हें वापस नहीं मिले। बेनीवाल ने सवाल उठाया, "अगर मुझ पर हमला हो जाता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?"

बता दें कि, जनवरी 2024 में पुलिस इंटेलिजेंस ने अलर्ट जारी किया था कि हनुमान बेनीवाल की जान को खतरा हो सकता है। इसके बाद नागौर के एसपी नारायण टोगस ने 25 अप्रैल को बेनीवाल की सुरक्षा में दो अतिरिक्त गनमैन और हथियारबंद क्यूआरटी टीम तैनात करने का आदेश दिया था, लेकिन बेनीवाल ने 27 अप्रैल को अपनी सुरक्षा यह कहते हुए लौटा दी कि खतरे का इनपुट स्पष्ट नहीं था।

2013 में हनुमान बेनीवाल ने अपने लाइसेंस का नवीनीकरण कराने के लिए आवेदन किया था, लेकिन एक मुकदमा दर्ज होने के बाद उनका आवेदन खारिज कर दिया गया। 2014 में उन्होंने पुलिस थाने में अपने हथियार जमा करवा दिए थे और 2017 में जांच में मामला बेबुनियाद पाया गया था। इसके बाद भी, उनके हथियारों की वापसी के मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

बेनीवाल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, "मुझे न तो लाइसेंस मिला और न ही सुरक्षा, जबकि छह महीने पहले डिवीजनल कमिश्नर ने जिला कलेक्टर को निर्देश दिए थे कि मेरा लाइसेंस बहाल किया जाए, लेकिन आज तक कलेक्टर के पास कागज पड़ा है और एसपी को जवाब मिला है कि कोई खतरा नहीं है।"

नागौर एसपी ने इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि मामले में अभी कोई एफआर नहीं लगी है, जांच जारी है और कलेक्टर ने रिपोर्ट भी भेजी है। उन्होंने कहा कि सांसद के हथियार पुलिस थाने में जमा हैं और मामला सस्पेंशन पर है।

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