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बेटे का होना था ऑपरेशन, डॉक्टर्स ने पिता की भी कर दी सर्जरी; कोटा के मेडिकल कॉलेज की लापरवाही

राजस्थान के कोटा संभाग के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पताल की सुपर स्पेशलिटी विंग में अस्पताल प्रशासन की गंभीर लापरवाही के चलते बेटे के इलाज के लिए आए पिता की भी डॉक्टर ने सर्जरी कर दी। उनके हाथ में चीरा लगाकर 6 से 7 टांके लगा दिए।

Sneha Baluni लाइव हिन्दुस्तान, कोटाThu, 17 April 2025 10:09 AM
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बेटे का होना था ऑपरेशन, डॉक्टर्स ने पिता की भी कर दी सर्जरी; कोटा के मेडिकल कॉलेज की लापरवाही

राजस्थान के कोटा संभाग के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पताल की सुपर स्पेशलिटी विंग में अस्पताल प्रशासन की गंभीर लापरवाही के चलते बेटे के इलाज के लिए आए पिता की भी डॉक्टर ने सर्जरी कर दी। उनके हाथ में चीरा लगाकर 6 से 7 टांके लगा दिए। ये लापरवाही तब सामने आई जब बेटे की सर्जरी के लिए उसे ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया था। इस दौरान उसके पिता भी बाहर खड़े थे। तभी डॉक्टर ने अंदर बुलाया और एनेस्थीसिया दे दिया। इसके बाद उनकी सर्जरी कर दी।

पिता को होश आया तो उनके हाथ पर पट्टी बंधी हुई थी। जानकारी में सामने आया कि बारां जिले के अटरू निवासी मनीष पांचाल का कुछ समय पहले एक्सीडेंट हो गया था। जिसमें मनीष के पैर में चोट लगी थी। इसके बाद वह सुपर स्पेशलिटी विंग अस्पताल में भर्ती था। उसके पैर की प्लास्टिक सर्जरी होनी थी। उसकी जांच के बाद उसे ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया।

इस दौरान मनीष के पिता जगदीश भी अस्पताल में ही मौजूद थे और बेटे की सर्जरी होने का इंतजार कर रहे थे। तभी ऑपरेशन थिएटर के अंदर से किसी ने जगदीश नाम से आवाज लगाई। नाम सुनते ही मनीष के पिता खड़े हो गए तो स्टाफ उन्हें अंदर ले गया और एनेस्थीसिया दे दिया। मनीष का कहना है कि पिता को बेहोश करने के बाद उनके हाथ में चीरा लगाकर 6 से 7 टांके लगा दिए। मनीष का ये भी कहना है कि उसके पिता को पिछले 10 साल से पैरालिसिस है वह बोलने में भी सक्षम नहीं है।

गलती का नहीं हुआ अहसास

पीड़ित मरीज मनीष ने बताया कि जब भी किसी को ऑपरेशन के लिए ले जाया जाता है तो उसको ड्रेस पहनाई जाती है, लेकिन मेरे पिताजी ने ऐसी कोई भी ड्रेस नहीं पहनी थी। ऑपरेशन करने से पहले मरीज की भी जांच होती है। उसके बाद उसका ऑपरेशन होता है। अस्पताल प्रशासन ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। सिर्फ नाम बोलकर ही पिता को अंदर बुला लिया और एनेस्थीसिया लगा दिया। मेरे पिता के हाथ में या पूरे शरीर में कहीं पर भी चोट नहीं थी। फिर भी स्टाफ ने उनके हाथ में चीरा लगा दिया और उन्हें अपनी गलती का अहसास तक नहीं हुआ। वहीं यह मामला सामने आने के बाद कई संगठनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

मैं क्या कर सकता हूं

मनीष जिसके पिता का ऑपरेशन हुआ है, उसने कहा, "मेरा एक्सीडेंट हुआ और मुझे चोट लगी। मैंने अपने पिता को फोन किया। मेरे पिता लकवाग्रस्त हैं, और उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। शनिवार को मेरा ऑपरेशन होना था, इसलिए मैंने अपने पिता को ऑपरेशन थिएटर के बाहर बैठकर इंतजार करने को कहा। मैं ऑपरेशन थिएटर में था। मुझे नहीं पता कि क्या हुआ, लेकिन उनके शरीर पर 5-6 टांके लगे हैं। मुझे उस डॉक्टर का नाम याद नहीं है जिसने मेरा ऑपरेशन किया था। मैं अभी इस हालत में पड़ा हूं। मैं क्या कर सकता हूं?"

रिपोर्ट- योगेंद्र महावर

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