राजस्थान हाईकोर्ट ने शिल्पा शेट्टी के खिलाफ SC-ST केस किया खारिज, इस शब्द को लेकर था विवाद
राजस्थान उच्च न्यायालय ने अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के खिलाफ एक क्रिमनल केस को रद्द किया है। यह केस एससी-एसटी एक्ट के तहत शिल्पा शेट्टी के खिलाफ दर्ज था। (शिल्पा राज कुंद्रा बनाम राजस्थान राज्य)
राजस्थान उच्च न्यायालय ने अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के खिलाफ एक क्रिमनल केस को रद्द किया है। यह केस एससी-एसटी एक्ट के तहत शिल्पा शेट्टी के खिलाफ दर्ज था। (शिल्पा राज कुंद्रा बनाम राजस्थान राज्य) शेट्टी के ऊपर साल 2017 में मामला दर्ज किया गया था। इसमें उनके ऊपर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने साल 2013 में टीवी को दिए एक इंटरव्यू में भंगी शब्द का इस्तेमाल किया था। इस इंटरव्यू में अभिनेता सलमान खान भी मौजूद थे।
पुलिस को दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार इस शब्द के इस्तेमाल से कथित तौर पर वाल्मीकि समाज के लोगों की भावनाएं आहत हुई थीं। इसके बाद शेट्टी ने इस मामले को खत्म करने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया। न्यायाधीश अरुण मोंगा ने याचिका की सुनवाई की। उन्होंने कहा कि एफआईआर और जमा किए गए साक्ष्यों में ऐसे संकेत नहीं मिले हैं कि शिल्पा शेट्टी का इरादा वाल्मीकि समुदाय को नीचा दिखाना या अपमानित करना हो।
कोर्ट ने कहा कि इंटरव्यू मे कहे गए उनके बयान की जो व्याख्या की जा रही है, उसे पूरी तरह से संदर्भ के बाहर ले जाया जा रहा है। एससी-एसटी एक्ट के तहत आरोपी को समुदाय के सदस्यों को विशिष्ट इरादे से अपमानित और नुकसान पहुंचाने जैसा कार्य करना चाहिए। भंगी शब्द कुछ संदर्भों में आपत्तिजनक हो सकता है, लेकिन इसका इस्तेमाल अनजाने में और वैकल्पिक रूप से बोलचाल की भाषा में भी हो सकता है।
न्यायालय ने शब्द की व्युत्पत्ति का विश्लेषण किया और पाया कि यह संस्कृत शब्द 'भंग' से लिया गया है, जिसका अर्थ अछूत जाति से संबंधित होने के अलावा "टूटा हुआ" या "खंडित" भी है। दूसरे संदर्भ में, भांग का मतलब भांग या नशीले पदार्थों से भी है, इसलिए भांग का सेवन करने वाले को "भंगी" भी कहा जा सकता है। ऑक्सफोर्ड हिंदी से अंग्रेजी शब्दकोश के अनुसार, भंगी का मतलब कोई ऐसा व्यक्ति भी होता है, जो भांग (भंगड़) का सेवन करता है या फिर "धोखाधड़ी" या "चाल" या "छद्मवेश" या यहां तक कि "अजीबोगरीब या मूर्खतापूर्ण व्यवहार" करता है।