… तो थप्पड़ मारो या चप्पल से पीटो, डरो नहीं; राजस्थान के राज्यपाल ने लड़कियों से क्यों कहा ऐसा
राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने लड़कियों से कहा है कि डरने की जरूरत नहीं है। अगर कोई छेड़छाड़ या बदतमीजी करे तो उसे थप्पड़ मारो या चप्पल से पीटो। कहा कि इन परिस्थितयों में हिम्मत से काम लेना चाहिए। राज्यपाल एक यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में अलवर आए थे।

राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने लड़कियों से कहा है कि डरने की जरूरत नहीं है। अगर कोई छेड़छाड़ या बदतमीजी करे तो उसे चप्पल से मारो। कहा कि इन परिस्थितयों में हिम्मत से काम लेना चाहिए। राज्यपाल एक यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में अलवर आए थे।
राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने छात्राओं से कहा कि अगर कोई उनके साथ गलत व्यवहार करे तो हिचकिचाने या चुप रहने की जरूरत नहीं है। हिम्मत दिखाओ और उसे थप्पड़ मारो या चप्पल से पीटो। कहा कि ऐसी स्थित में डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि हिम्मत से काम लेना चाहिए। राज्यपाल अलवर जिले के मालाखेड़ा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान छात्राओं को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे गुरुवार को अलवर के राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय के दूसरे चरण के निर्माण कार्य का शिलान्यास करने पहुंचे थे। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने लड़कियों से नैतिक मूल्यों को बनाए रखने के साथ ही मजबूत और निडर बने रहने की अपील की।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि समाज में जब भी कोई गलत घटना होती है तो लोग मदद करने के बजाय वीडियो बनाने लगते हैं, जो बहुत शर्मनाक है। अगर किसी लड़की के साथ कोई छेड़छाड़ या बदतमीजी हो रही होती है है तो लोग फोन निकालकर वीडियो बनाने लगते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। लोगों को मोबाइल छोड़कर दौड़ना चाहिए और अपराधी को पकड़ना चाहिए। लोगों को पुलिस के आने का इंतजार नहीं करना चाहिए। क्योंकि जब तक पुलिस पहुंचेंगी, तब तक अपराध हो चुका होगा। समाज की इस सोच को बदलना होगा।
शिक्षा पर बात करते हुए राज्यपाल ने कहा कि पाठ्यक्रमों को समय के अनुसार अपडेट करना चाहिए। राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रमों को समय के अनुसार अपडेट करने की जरूरत पर बल दिया। कहा कि सिर्फ डिग्री लेना काफी नहीं है, बल्कि ज्ञान और योग्यता सबसे ज्यादा मायने रखती है। कहा कि पहले के समय में डिग्री कम होती थी और नौकरियां ज्यादा। आज स्थिति बदल गई है। अब हर किसी को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, चाहे वे आरक्षण के दायरे में हों या नहीं। आपकी असली पहचान डिग्री नहीं, बल्लि बौद्धिक क्षमता से होती है।