जयपुर में हड़ताल पर रेजिडेंट डॉक्टर, अजमेर-उदयपुर में भी करेंगे काम का बहिष्कार, क्या मांगें?
जयपुर में रेजिडेंट डॉक्टर शनिवार रात से हड़ताल पर चले गए हैं। जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स के अध्यक्ष डॉ. मनोहर सियोल ने बताया कि हड़ताल से इमरजेंसी और चुनिंदा सेवाएं तत्काल बंद कर दी गई हैं।
जयपुर में रेजिडेंट डॉक्टरों ने शनिवार रात से हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। रेजिडेंट डॉक्टरों ने राजस्थान सरकार पर उनकी मांगों के प्रति उदासीन होने का आरोप लगाया है। जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स के अध्यक्ष डॉ. मनोहर सियोल ने बताया कि रेजिडेंट डॉक्टर्स ने शनिवार रात को हड़ताल कर दी। रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से इमरजेंसी और चुनिंदा सेवाएं तत्काल बंद कर दी गई हैं।
जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स के अध्यक्ष डॉ. मनोहर सियोल ने बताया कि राजस्थान सरकार ने इस साल अगस्त में कार्यस्थल पर सुरक्षा उपायों और स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सहित मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं सामने आई है। रेजिडेंट डॉक्टरों ने 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था, जो शनिवार रात आठ बजे समाप्त हो गया।
डॉ. मनोहर सियोल ने बताया कि कहा कि हमें शनिवार रात को इमरजेंसी और वैकल्पिक सेवाएं बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा। हमारी मांगें पहले जैसी ही हैं। डॉ. सियोल ने बताया कि अजमेर और उदयपुर में रेजिडेंट डॉक्टर रविवार सुबह से काम का बहिष्कार करेंगे और अन्य जिलों में भी रेजिडेंट डॉक्टर इसी के अनुसार निर्णय लेंगे।
बता दें कि इस साल अगस्त में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या की घटना के विरोध में रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे। हालांकि जयपुर में स्वास्थ्य मंत्री की ओर से मांगों पर विचार करने के लिए एक समिति गठित किए जाने के बाद वे फिर से काम पर लौट आए थे।
इस बीच आरजी कर अस्पताल की घटना के विरोध में कोलकाता में प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों को पश्चिम बंगाल सरकार ने सोमवार को बातचीत के लिए आमंत्रित किया। बशर्ते वे आमरण अनशन समाप्त कर दें। पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत ने कहा कि चिकित्सकों की अधिकतर मांगें पहले ही पूरी की जा चुकी हैं।