गोलीबारी के बाद की थी लूट, अब करना होगी अस्पताल में साफ-सफाई; झुंझुनूं की कोर्ट का अनोखा फैसला
- जज ने सजा सुनाते हुए कहा कि दोषियों को हर सप्ताह कम से कम 30 घंटे तक काम करना होगा, जिसकी निगरानी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी CMHO करेंगे और हर तीन महीने में अदालत को रिपोर्ट सौंपेंगे।
राजस्थान में झुंझुनूं के एक बाल न्यायालय ने तोड़फोड़ व गोलीबारी के मामले में दो बाल अपचारियों (अपराधियों) को खास सजा सुनाई है। अदालत ने उन्हें दोषी मानते हुए दो साल तक सरकारी अस्पताल में साफ सफाई करने की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने दोनों आरोपियों पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इन नाबालिगों पर शराब की एक दुकान में तोड़फोड़ करने और गोलीबारी कर 1.5 लाख रुपए लूटने का आरोप था। हालांकि कोर्ट ने उन्हें एक आरोप से बरी कर दिया।
मामले की जानकारी देते हुए लोक अभियोजक भारत भूषण शर्मा ने बताया कि बाल न्यायालय (सत्र न्यायाधीश) की न्यायाधीश दीपा गुर्जर ने फैसला सुनाते हुए कहा कि दोनों नाबालिगों को बिना वेतन के सरकारी अस्पताल के वार्ड और रसोई की सफाई करनी होगी। उन्होंने बताया कि साथ ही उन्हें हर सप्ताह कम से कम 30 घंटे काम करना होगा, जिसकी निगरानी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी CMHO करेंगे और हर तीन महीने में अदालत को रिपोर्ट सौंपेंगे।
शर्मा ने बताया कि दोनों मुजरिमों को 10 फरवरी को अदालत में पेश होना होगा।
यह मामला पांच साल पुराना है। जब सात मई 2020 को संदीप कुमार ने बगड़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी शराब की दुकान पर बिना रजिस्ट्रेशन प्लेट वाली तीन गाड़ियों में आए बदमाशों ने गोलीबारी की, दुकान में तोड़फोड़ की और कैश बॉक्स से डेढ़ लाख रुपए लूट लिए। इस दौरान एक वैन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
पुलिस ने मामले में दो नाबालिगों को हिरासत में लेकर किशोर न्याय बोर्ड झुंझुनू में चार्जशीट पेश की थी। वहां से मामला किशोर न्यायालय में भेज दिया गया। अदालत ने दोनों आरोपियों को लूट की धाराओं में बरी कर दिया, लेकिन हमला और तोड़फोड़ में दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।