BJP किस मुंह से... महिला SP की लोकेशन ट्रेस पर गोविंद सिंह डोटासरा का निशाना
- ये किस मुंह से महिला सशक्तिकरण और महिला अपराध रोकने की बात कह सकते है। नाबालिग बच्चियों से रोज दुष्कर्म हो रहे हैं। दो मंत्री कहते हैं कि एसआई भर्ती निरस्त होगी। तीसरा कहता है नहीं होगी।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने महिला एसपी की लोकेशन ट्रेस करने के मामले पर सरकार को निशाने पर लिया है। डोटासरा ने कांग्रेस सरकार बनने पर इस मामले की जांच की बात कही है। डोटासरा ने कहा कि महिला एसपी की उनका स्टाफ ही लोकेशन ट्रेस कर रहा है। उन्होंने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि एक महिला एसपी की उन्हीं के मातहत कर्मचारी लोकेशन ट्रेस कर रहे हैं। आज तक सरकार ने एक शब्द नहीं कहा। ये किस मुंह से महिला सशक्तिकरण और महिला अपराध रोकने की बात कह सकते है।
नाबालिग बच्चियों से रोज दुष्कर्म हो रहे हैं। माफिया हावी है। दो मंत्री कहते हैं कि एसआई भर्ती निरस्त होगी। तीसरा कहता है नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यह सर्कस दिखाना बंद करो। जो निर्णय लेना हो, लीजिए और नई भर्तियां निकालकर बेरोजगार नौजवानों को रोजगार दो। ये 10 महीने बाद भी कांग्रेस की सरकार को कोस रहे हैं और ऐसे पेश कर रहे हैं कि पेपर लीक हो गए। पेपर लीक देशभर में हुए हैं। नीट का पेपर लीक हुआ। मुकदमा दर्ज हुआ और 140 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश हुई। वो पेपर निरस्त क्यों नहीं हुआ। हमारे समय में रीट का पेपर लीक हुआ। हमने निरस्त किया और दोबारा परीक्षा करवाकर भर्ती करवाई, नियुक्तियां दी। यह पर्ची की सरकार भ्रमण, भाषण और भ्रम तक पहुंची। उसके बाद सर्कस बन गया।
डोटासरा बोले- मंत्री ने इस्तीफा दे दिया। भाजपा मुख्यालय में एक कैबिनेट मंत्री हाथ जोड़कर मुख्यमंत्री से कहता है कि इस्तीफा स्वीकार कर लो, लेकिन आज तक इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं आया। एक दिन मंत्री के लेटरपैड पर दस्तखत करते हैं। दूसरे दिन विधायक के लैटरपैड पर साइन करते हैं। मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल होते हैं तो जनता यह मानती है कि वे मंत्री हैं। दूसरे दिन कहते हैं कि एसआई भर्ती निरस्त करवाने थे। इसलिए लोगों की जुबान पर आ गया कि यह सर्कस है।
उन्होंने कहा कि अब यह यू-टर्न की सरकार बन गई है, जो अपना एक भी फैसला लागू नहीं करवा पाए। शिक्षा विभाग को लेकर कई वादे और दावे किए गए। आदेश जारी किए गए, लेकिन हर बार अपने पैर पीछे हटाने पड़े। कल तो हद हो गई। जब एक तबादला सूची आई और तीन घंटे बाद निरस्त हो गई। मंत्री कहते हैं कि कुछ त्रुटियां रह गई। उसमें सुधार करेंगे। यूडीएच मंत्री नगरीय निकायों में सहवृत्त सदस्यों की सूची जारी करते हैं। उस सूची को भी 24 घंटे में निरस्त कर दिया। इससे साबित होता है कि यह यूटर्न सरकार बन चुकी है।