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कोटा में हैरान करने वाली घटना, बच्चे की आत्मा लेने अस्पताल पहुंचे लोग

राजस्थान के कोटा जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना हुई। कुछ लोग कोटा संभाग के सबसे बडे़ एमबीएस अस्पताल में अपने बच्चे की आत्मा लेने के लिए पहुंच गए। बच्चे की मौत करीब 4 साल पहले इलाज के दौरान हुई थी।

Krishna Bihari Singh लाइव हिन्दुस्तान, जयपुरTue, 28 Jan 2025 04:50 PM
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कोटा में हैरान करने वाली घटना, बच्चे की आत्मा लेने अस्पताल पहुंचे लोग

राजस्थान के कोटा जिले से अंधविश्वास की एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। कोटा संभाग के सबसे बडे़ एमबीएस अस्पताल में करीब 4 साल पहले हुई बच्चे की मौत के बाद परिजन उसकी आत्मा लेने के लिए अस्पताल पहुंच गए। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने परिसर में प्रवेश की इजाजत नहीं दी। इसके बाद परिजनों और उनके साथ आए ग्रामीणों ने गेट पर ही पूजा शुरू कर दी।

यही नहीं ये लोग धरने पर भी बैठ गए। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस कुछ लोगों को अपने साथ अस्पताल परिसर में बनी चौकी में ले गई। ये पूरा मामला बूंदी जिले के झाड़गंज गांव का है जहां के निवासी रामफूल केवट के बेटे को करीब 4 साल पहले तबीयत खराब होने के बाद कोटा के एमबीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। परिजनों का कहना है कि बच्चे की मौत के बाद से परिवार पर संकट आने लगा। हर कोई बीमार रहने लगा। किसी ने बच्चे की आत्मा भटकने की बात कही और अस्पताल जाने के लिए बोला। उसकी बात पर यकीन कर के परिजन बच्चे की आत्मा लेने के लिए कोटा पहुंचे थे।

अस्पताल के गेट पर ही परिजनों ने पूजा शुरू की तो एक महिला के शरीर में देवी देवता आने लगे। परिजनों का कहना है कि हम किसी को परेशान करने नहीं आए हैं। हम तो अपने बेटे की आत्मा लेने के लिए आए हैं।

गौरतलब है कि अस्पताल से आत्मा लेने के लिए लोगों के आने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी इस तरह की अंधविश्वास वाली घटनाएं सामने आ चुकी हैं। अंधविश्वास के चक्कर में पड़कर भीलवाड़ा और बूंदी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से लोग अस्पताल से आत्माएं लेने पहुंच चुके हैं।

आलम यह कि पहले तो अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से लोग उस वार्ड और बेड तक भी पहुंच जाते थे जहां पर संबंधित शख्स की मौत हुई थी। बीते कुछ वर्षों से सुरक्षा एवं अन्य व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए अस्पताल प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। अब आत्माएं लेने आने वाले लोगों को गेट पर ही रोक लिया जाता है।

रिपोर्ट- योगेन्द्र महावर

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