दरगाह या मंदिर? अजमेर को लेकर कोर्ट में टली सुनवाई; वजह
- राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को लेकर एक याचिका दायर की गई थी। याचिका में दावा किया गया था कि ये महादेव मंदिर है। अब इस मामले की सुनवाई टल गई है।
राजस्थान में अजमेर स्थित ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती दरगाह को महादेव का मंदिर बताने वाली याचिका पर सुनवाई टल गई है। दिल्ली निवासी विष्णु गुप्ता के सुनवाई के लिये प्रकरण स्थानान्तरण सम्बंधित प्रार्थना पत्र पर शनिवार को सुनवाई नहीं हो सकी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश (सेशन न्यायालय) के आज अवकाश पर होने से सुनवाई नहीं की जा सकी। अगली तारीख 10 अक्टूबर तय की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि अजमेर की ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह महादेव यानी कि शंकर भगवान का मंदिर है। आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है।
कोर्ट में मौजूद दिल्ली निवासी वादकर्ता हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने मीडिया को बताया कि हमने दरगाह को संकट मोचन महादेव मंदिर बताते हुए इसकी जांच सम्बन्धी याचिका दायर की है, लेकिन सम्बन्धित न्यायालय के क्षेत्राधिकार नहीं होने से हमारे द्वारा शुक्रवार को सेशन न्यायालय में मुकदमा स्थानांतरण की अर्जी पेश की थी, जिसमें तय होना था कि कौन सा न्यायालय उनके मामले की सुनवाई करेगी, लेकिन आज सत्र न्यायाधीश के छुट्टी पर होने से 10 अक्टूबर की अगली तारीख तय की गई है।
विष्णु गुप्ता की याचिका को लेकर अब सुनवाई की तारीख आगे बढ़ गई है। ऐसे में अब आगामी 10 अक्टूबर को इस मामले पर सुनवाई होनी है। सुनवाई के बाद कोर्ट का फैसला क्या होगा? ये देखने वाली और दिलचस्प बात है। हालांकि, अभी वो दरगाह के रूप में ही मौजूद है। इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग भारी संख्या में हर दिन पहुंचकर अपनी हाजिरी देते हैं और जियारत करते हैं। इस दौरान लोग आसपास घूमने वाली जगहों पर जाकर टूरिज्म का मजा भी उठाते हैं। आसपास के घूमने वाले इलाकों की बात करें तो पुष्कर का मेला, आना सागर झील, तारागढ़ पर्वत और भी कई आकर्षक जगहें हैं जो अजमेर टूर के दौरान घूमी जा सकती हैं।