कटोरा लो और भीख मांगो; बेटे-बहू और बेटियों से तंग आकर पानी के टैंक में कूद गए मां-बाप, चिपका गए सुसाइड नोट
राजस्थान के नागौर में एक 70 साल के एक व्यक्ति और उनकी पत्नी ने घर में बनी पानी की टंकी में कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली और दीवार पर एक नोट चिपका दिया। इसमें बच्चों द्वारा उनपर किए गए कथित अत्याचारों का जिक्र है, जो उनकी संपत्ति हड़पना चाहते थे।
मां-बाप कई तकलीफें सहन करके अपने बच्चों का पालन-पोषण और पढ़ाते हैं। वहीं बच्चे बड़े होकर जब उनके साथ अमानवीय व्यवहार, संपत्ति के लिए प्रताड़ित करें तो उनके लिए यह असहनीय पीड़ा बन जाती है। कई बार वे ऐसी परिस्थिति में गलत कदम भी उठा लेते हैं। राजस्थान के नागौर से भी ऐसा एक मामला सामने आया है। यहां एक 70 साल के एक व्यक्ति और उनकी पत्नी ने घर में बनी पानी की टंकी में कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली और दीवार पर एक नोट चिपका दिया। इसमें बच्चों द्वारा उनपर किए गए कथित अत्याचारों का जिक्र है, जो उनकी संपत्ति हड़पना चाहते थे।
सुसाइड नोट में लिखा है कि बुजुर्ग दंपति के बेटों और बहुओं ने न केवल कम से कम पांच बार उनके साथ मारपीट की, बल्कि उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी। उन्होंने उन्हें खाना देना बंद कर दिया और सास से कहा कि वे 'एक कटोरा लेकर भीख मांगें।' मृतकों की पहचान 70 साल के हजारीराम बिश्नोई और उनकी 68 वर्षीय पत्नी चावली देवी के तौर पर हुई है। दोनों के शव गुरुवार को नागौर के करणी कॉलोनी में उनके घर के अंदर बनी पानी की टंकी से बरामद किए गए।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, दंपति के चार बच्चे थे - दो बेटे और दो बेटियां। घर की दीवार पर चिपके दो पन्नों के सुसाइड नोट में, उन्होंने लिखा कि उनके एक बेटे राजेंद्र ने उन्हें तीन बार जबकि दूसरे, सुनील ने दो बार पीटा। उन्होंने यह भी लिखा है कि उनके बेटे और बेटियों ने उन्हें चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने किसी भी तरह की शिकायत की तो वे उन्हें सोते समय मार देंगे। नोट में राजेंद्र और उसकी पत्नी रोशनी, सुनील, उसकी पत्नी अनीता और बेटे प्रणव के साथ ही दंपति की बेटियों मंजू और सुनीता के साथ-साथ कुछ रिश्तेदारों के भी नाम हैं।
दंपत्ति ने कहा कि उनके सभी बच्चे वह प्रॉपर्टी चाहते हैं जो उनके नाम पर है। रिश्तेदारों ने उन्हें किसी भी तरह से ऐसा (संपत्ति लेने) करने के लिए उकसाया था। नोट में लिखा है कि बच्चों ने दंपति को धोखा देकर, उनसे झगड़ा करके पहले ही तीन प्लॉट और एक कार का स्वामित्व हासिल कर लिया था। इसमें राजेंद्र, मंजू और सुनीता के नाम पर ट्रांसफर कार की बिक्री और सुनील और उसकी पत्नी अनीता द्वारा करणी कॉलोनी में एक घर ट्रांसफर करने की डिटेल दी गई है।
नोट में दंपति ने बताया कि यह सब छीन लेने के बाद, बच्चों ने कथित तौर पर उन्हें खाना देने से इनकार कर दिया और हर दिन फोन पर उन्हें गालियां देते थे। नोट में कहा गया है कि उनके बेटे सुनील ने उन्हें फोन करके कहा, 'एक कटोरा लो, खाना मांगो। मैं तुम्हें खाना नहीं दूंगा। अगर तुमने किसी को बताया, तो मैं तुम्हें मार डालूंगा।' मामले पर नागौर के पुलिस सुपरिटेंडेंट नारायण टोगस ने कहा कि उन्हें गुरुवार को सूचना मिली कि हजारीराम और चावली के घर में कोई हलचल नहीं देखी गई है और जब उन्होंने परिसर की तलाशी ली, तो उन्हें टैंक में शव मिले।