जयपुर मेयर मुनेश गुर्जर मामले में आया बड़ा अपडेट, मंत्री खर्रा ने बुलाई बैठक
- मेयर मुनेश गुर्जर को पहले भी दो बार निलंबित हो चुकी हैं। दोनों बार मुनेश ने हाईकोर्ट की शरण लेकर वापस मेयर के पद पर बरकरार रहीं। तीसरी बार भी वह हाईकोर्ट की शरण में जाकर अपना बचाव करने की कोशिश कर रही है।
राजस्थान में जयपुर हेरिटेज नगर निगम मेयर मुनेश गुर्जर की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। मेयर का आज निलंबन हो सकता है। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने निलंबन के संकेत दिए है। आज अहम बैठक बुलाई है। सरकार आज (18 सितंबर) शाम फैसला ले सकती है। मुनेश गुर्जर के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले क्षेत्रीय उप निदेशक ACB विभागीय जांच कर रहे है। प्रशासन उन्हें इस मामले में लगातार नोटिस भेज रहा है। 16 सितंबर को मुनेश गुर्जर ने नोटिस का जवाब दिया।
मेयर मुनेश ने डीएलबी को जवाब भेजते हुए कहा, "भ्रष्टाचार के मामले में मेरी भूमिका नहीं है।" दूसरी तरफ मुनेश गुर्जर इस कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच चुकी है। जिस पर आने वाले दिनों में सुनवाई होनी है।मेयर मुनेश गुर्जर को पहले भी दो बार निलंबित हो चुकी हैं। दोनों बार मुनेश ने हाईकोर्ट की शरण लेकर वापस मेयर के पद पर बरकरार रहीं। तीसरी बार भी वह हाईकोर्ट की शरण में जाकर अपना बचाव करने की कोशिश कर रही है। मुनेश गुर्जर ने कहा, "यह कार्रवाई राजनीतिक से प्रेरित है।" इस कार्रवाई के विरोध में वे हाईकोर्ट भी पहुंची। अब आने वाले दिनों में इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में होगी।
दरअसल भ्रष्टाचार और रिश्वत के आरोपों से घिरी महापौर मुनेश गुर्जर के ऊपर स्वायत्त शासन विभाग और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से नोटिस जारी किया गया। इस नोटिस का जवाब भी देने के लिए तिथि निर्धारित की गई थी। वहीं NCB भी 19 सितंबर को चार्जशीट पेश करेगी। इस दौरान मुनेश गुर्जर को कोर्ट में मौजूद रहने के निर्देश दिए गए हैं।
मुनेश गुर्जर ने मंगलवार को स्थानीय निकाय विभाग के उप निदेशक (क्षेत्रीय) को नोटिस का जवाब सौंप दिया। महापौर स्वयं तो नहीं आईं, बल्कि वकील के जरिए यह जवाब पहुंचाया। भ्रष्टाचार के किसी भी मामले में उनकी भूमिका नहीं है। उप निदेशक जवाब का परीक्षण कर अधिकारिक तौर पर अपनी रिपोर्ट निदेशक, स्थानीय निकाय विभाग को सौंपेंगे। संभवतया बुधवार को रिपोर्ट जाएगी और उस आधार पर महापौर के निलंबन को लेकर आदेश जारी होंगे।