2000 करोड़ की साइबर ठगी करने वाले गैंग का भंडाफोड़, राजस्थान से सरगना गिरफ्तार; कर्नाटक से भागकर आया था श्रीगंगानगर
राजस्थान पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि उसने 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की साइबर धोखाधड़ी में कथित रूप से शामिल एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गैंग के सरगना को श्रीगंगानगर से गिरफ्तार कर लिया गया है।
राजस्थान पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि उसने 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की साइबर धोखाधड़ी में कथित रूप से शामिल एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गैंग के सरगना को श्रीगंगानगर से गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार, देशभर में आरोपियों के खिलाफ साइबर धोखाधड़ी की कई शिकायतें थीं। खासतौर पर कर्नाटक से बड़ी संख्या में शिकायतें मिली थीं।
गंगानगर जिला पुलिस सुपरिटेंडेंट गौरव यादव ने बताया कि कर्नाटक निवासी कंटप्पा बाबू चव्हाण ने मंगलवार को पुरानी आबादी थाने में शिकायत दर्ज कराई कि अजय आर्य और उसके साथियों ने कर्नाटक की कैपमोरएफएक्स कंपनी में लाखों रुपए निवेश करवाकर हजारों लोगों से करीब 2000 करोड़ रुपए की साइबर ठगी की है। उन्होंने बताया कि ये लोग भागकर श्रीगंगानगर आ गए हैं।
पुलिस टीम ने आर्या के घर पर छापा मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया। तलाशी के दौरान 10 लाख रुपये नकद, तीन सीपीयू, छह मोबाइल फोन, आठ एटीएम कार्ड, तीन पैन कार्ड, करीब 85 लाख रुपये कीमत की लग्जरी कार और साइबर ठगी से जुड़े अन्य दस्तावेज बरामद हुए। पुलिस ने बताया कि अजय आर्य, दीपक आर्य, लाजपत आर्य, सौरभ चावला, उसकी पत्नी सलोनी चावला, करमजीत सिंह, बलजीत सिंह, राजेंद्र सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।
पुलिस ने बताया कि जांच में पता चला है कि आरोपियों ने 2022 में कर्नाटक के विजयपुरा जिले में टेकेबल टेक नाम से कंपनी खोली और लोगों को साइबर ट्रेनिंग देना शुरू किया। पुलिस ने बताया कि आरोपी अजय के मोबाइल नंबर और बैंक खाते के खिलाफ सात साइबर शिकायतें दर्ज हैं। आरोपियों के खिलाफ देशभर में साइबर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज हैं। इनके खिलाफ बीएनएस और आईटी एक्ट के तहत केस करके आगे की जांच की जा रही है।