रामदेव जयंती पर मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब, ये कार्यक्रम हुए
- राजस्थान में आज रामदेव जयंती और तेजा दशमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। रामदेव जयंती और तेजा दशमी के मौके पर प्रदेश भर के सभी तेजाजी मंदिरों में तेजा दशमी के मेले आयोजित हुए।
राजस्थान में आज रामदेव जयंती और तेजा दशमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। रामदेव जयंती और तेजा दशमी के मौके पर प्रदेश भर के सभी तेजाजी मंदिरों में तेजा दशमी के मेले आयोजित हुए। इस अवसर पर छोटी काशी जयपुर वीर तेजाजी महाराज की जयकारों से गुंजायमान हो गई। तेजाजी और रामदेव मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ा। सभी वीर तेजाजी के मंदिरों में तेजाजी महाराज की पूजा-अर्चना कर उन्हें खीर, पुए, पुड़ी का भोग लगाया गया।
छोटी काशी जयपुर में भी रामदेव जयंती और तेजा दशमी का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। आमेर, जयसिंहपुरा खोर, सांगानेर, शास्त्री नगर समेत सभी तेजाजी मंदिरों में विशेष कार्यक्रम आयोजित हुए। तेजाजी महाराज के मंदिर और उनकी प्रतिमाओं को फूलों के विशेष श्रंगार से सजाया गया। विभिन्न प्रकार की झांकियां भी सजाई गई। आमेर में जाजोलाई की तलाई स्थित प्राचीन तेजाजी मंदिर में सुबह से ही आस्था का सैलाब उमड़ता नजर आया। हजारों की संख्या में भक्तो ने यहा पहुचकर तेजाजी महाराज के प्रसाद चढ़ाकर परिवार के सुख समृद्धि की कामना की। आमेर के तेजाजी मंदिर में भव्य मेले का भी आयोजन किया गया।
सर्प झांकी में तेजाजी महाराज का घोड़ला (सेवक) ने अपने गले मे सर्प को विराजमान कर घोड़े पर सवार होकर भक्तों को आशीर्वाद दिया। इस तेजाजी मंदिर की खासियत है कि प्रतिवर्ष तेजा दशमी को सर्प देवता स्वयं प्रकट होकर तेजाजी महाराज के सेवक के गले में विराजमान होते हैं। उसके बाद तेजाजी महाराज के सेवक इसे अपने गले में विराजमान कर पूरे मेले में घोड़े पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देते हैं। मंदिर में मेले के दौरान निकाली जाने वाली सर्प झांकी भक्तों का आकर्षण का केंद्र बनी। यहां पर देसी ही नहीं विदेशी भक्त भी इस झांकी के दर्शन पाने पहुंचते हैं। तेजा दशमी के पर्व पर विशेष रूप से 2 बार यह झांकी निकाली जाती है।