Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Flood crisis in Dholpur due to opening of gates of Parvati Dam

पार्वती बांध के गेट खोले, धौलपुर में बाढ़ का संकट; मध्यप्रदेश से सड़क संपर्क कटा

  • मध्य प्रदेश के भोपाल से निकल कर आ रही पार्वती नदी की पुलिया पर बुधवार शाम के समय अचानक पानी आ गया। जिसकी वजह से राजस्थान-मध्यप्रदेश का सड़क संपर्क कट गया है।

Prem Narayan Meena लाइव हिन्दुस्तानThu, 12 Sep 2024 12:24 PM
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मध्य प्रदेश के भोपाल से निकल कर आ रही पार्वती नदी की पुलिया पर बुधवार शाम के समय अचानक पानी आ गया। जिसकी वजह से राजस्थान-मध्यप्रदेश का सड़क संपर्क कट गया है।कोटा जिले के इटावा उपखंड क्षेत्र में निकल रही खातोली की पार्वती नदी में एक बार फिर ऊफान देखने को मिला है।पुलिया पर करीब 8 फीट पानी की चादर चल रही है, जिसके चलते स्टेट हाईवे 70 कोटा-श्योपुर राजमार्ग पिछले 17 घंटे से अवरुद्ध हो रहा है।

 राजस्थान का मध्य प्रदेश से सड़क संपर्क कटा हुआ है। धौलपुर जिले में पिछले 40 घंटे से लगातार हो रही बारिश ने त्राहि त्राहि मचा दी है। जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण इलाके जल भराव की चपेट में बुरी तरह से आ चुके हैं। पार्वती बांध के कैचमेंट एरिया में भारी बारिश होने की वजह से जल संसाधन विभाग ने तड़के 14 गेट 3 फीट खोलकर पानी रिलीज किया है। उर्मिला सागर की भी झोली पूरी तरह भर चुकी है। उर्मिला सागर ओवरफ्लो होने की वजह से बुधवार रात प्रशासन ने खनपुरा सड़क मार्ग को काटकर डांग क्षेत्र में पानी निकला है। अन्नदाता की फसल बुरी तरह से बर्बादी के मुहाने पर पहुंच गई है।

बारिश के कारण खेत-खलिहान जलाशय, झरना, ताल पोखर सभी लबालब हो चुके हैं. धौलपुर शहर के करीब 40 कॉलोनी तालाब के रूप में तब्दील हो गई हैं। ग्रामीण इलाकों में खरीफ की बाजार दलहन, तिलहन, ग्वार, ज्वार, मक्का आदि जल भराव से बर्बादी के मुहाने पर आ गई है। खेतों में तीन से चार फीट तक पानी भर गया है। पार्वती बांध के कैचमेंट एरिया में भारी बारिश होने की वजह से जल संसाधन विभाग ने गुरुवार तड़के 14 गेट 3 फीट खोलकर 24000 से अधिक क्यूसेक पानी रिलीज किया है।

धौलपुर, बसेड़ी, सैंपऊ एवं राजाखेड़ा उपखंड में करीब 5 हजार एकड़ फसल खरीफ की पूरी तरह से बर्बाद होने की स्थिति पर आ गई है। ग्रामीण इलाकों में आबादियों में पानी घुस रहा है। लोगों के कच्चे पक्के मकान गिरकर धराशाई हो रहे हैं। पार्वती बांध से नदी में पानी रिलीज किए जाने के बाद नदी के आसपास बसे करीब 50 गांव पर बाढ़ का संकट बन सकता है। जिसे लेकर जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर हो गया है।

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