नए विवाद में फंसे एल्विश यादव, जयपुर पुलिस ने दर्ज की FIR; यूट्यूबर के किस वीडियो पर ऐक्शन
बिग बॉस ओटीटी के विजेता और यूट्यूबर एल्विश यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके खिलाफ एक भ्रामक वीडियो पोस्ट करने के लिए एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें दावा किया गया था कि उन्हें जयपुर में एक म्यूजिक वीडियो शूट के लिए राजस्थान पुलिस ने एस्कॉर्ट किया था
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बिग बॉस ओटीटी के विजेता और यूट्यूबर एल्विश यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके खिलाफ एक भ्रामक वीडियो पोस्ट करने के लिए एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें दावा किया गया था कि उन्हें जयपुर में एक म्यूजिक वीडियो शूट के लिए राजस्थान पुलिस ने एस्कॉर्ट किया था। पुलिस ने बुधवार को यादव के दावे को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें कोई आधिकारिक सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई गई थी और उनके खिलाफ राजस्थान पुलिस की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है।
क्यों शुरू हुआ विवाद
विवाद तब शुरू हुआ जब सोमवार को यादव ने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया जिसमें वह राजस्थान के पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के बेटे कृष्णवर्धन सिंह खाचरियावास की कार में ट्रैवल करते हुए दिखाई दिए। वीडियो में, कृष्णवर्धन की कार के आगे एक पुलिस वाहन चलता हुआ दिखाई दे रहा था और यादव दावा कर रहे थे कि पुलिस उन्हें एस्कॉर्ट कर रही है। बातचीत के दौरान, कृष्णवर्धन कहते हैं कि पुलिस के वाहन अलग-अलग जूरिडिक्शन (अधिकार क्षेत्रों) में जाने पर बदल जाते हैं।
पुलिस ने एल्विश के दावे खारिज किए
हालांकि, राजस्थान पुलिस ने यूट्यूबर के दावों को खारिज कर दिया है। जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने कहा कि यूट्यूबर को ऐसा कोई एस्कॉर्ट मुहैया नहीं कराया गया था। 'इस मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।' एडिशनल पुलिस कमिश्नर रामेश्वर सिंह ने भी कहा कि यादव को कोई एस्कॉर्ट नहीं दिया गया था और पुलिस सुरक्षा केवल स्थापित प्रोटोकॉल के आधार पर दी जाती है। वहीं एसीपी कुंवर राष्ट्रदीप ने कहा कि राजस्थान पुलिस की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाले 'फर्जी वीडियो' को कथित तौर पर शेयर करने के लिए साइबर पुलिस स्टेशन में यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
खाचरियावास ने किया किनारा
इसी बीच, प्रताप सिंह खाचरियावास ने खुद को और अपने बेटे को इस विवाद से अलग करते हुए कहा कि उन दोनों में से किसी ने भी पुलिस एस्कॉर्ट की मांग नहीं की थी। उन्होंने कहा, 'एल्विश यादव अक्सर मुझसे मिलने आते हैं और एक राजनेता के तौर पर मैं कई लोगों से मिलता हूं। मेरी सरकार सत्ता में नहीं है, इसलिए मुझे नहीं पता कि पुलिस वाहन की व्यवस्था किसने की या वह वहां क्यों था।' उन्होंने रिपोर्टर्स से कहा, 'न तो मेरे बेटे ने और न ही मैंने एस्कॉर्ट की मांग की। राज्य सरकार या एल्विश को साफ करना चाहिए कि उन पुलिस वाहनों का क्या किया जा रहा था। इस मामले को बहुत ज्यादा खींचा जा रहा है।'