यह चुनाव नहीं लड़ना चाहता था मेरा परिवार, पार्टी ने टिकट दे दिया: कांग्रेस नेता बृजेंद्र ओला
राजस्थान में झुंझुनू सीट से कांग्रेस सांसद बृजेंद्र सिंह ओला ने कहा है कि उनके परिवार के लोग विधानसभा उपचुनाव नहीं लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उनकी बात नहीं मानी और टिकट दे दी।
राजस्थान में झुंझुनू सीट से कांग्रेस सांसद बृजेंद्र सिंह ओला ने कहा है कि उनके परिवार के लोग विधानसभा उपचुनाव नहीं लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उनकी बात नहीं मानी और टिकट दे दी। ओला ने मंगलवार को यहां अपने बेटे के समर्थन में जनसम्पर्क के दौरान कहा कि पार्टी ने कहा कि किसी दूसरे व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया, तो जमानत जब्त हो जाएगी। वह लोकसभा का चुनाव भी नहीं लड़ना चाहते थे। उन्होंने कहा, “मैंने पार्टी से कहा था कि विधायक ही ठीक हूं, लेकिन पार्टी नहीं मानी और मुझे टिकट देकर लोकसभा में भेज दिया।”
दरअसल, कांग्रेस ने उपचुनाव में झुंझुनू सीट से बृजेंद्र ओला के बेटे अमित ओला को प्रत्याशी बनाया है। बृजेंद्र ओला ने अपने बेटे के समर्थन में जनसंपर्क के दौरान लोगों को संबोधित करते हुये यह बातें कही थीं। ओला ने कहा कि लोकसभा चुनाव में तो जनता ने आशीर्वाद देकर उन्हें दिल्ली भेज दिया। उस समय दिल्ली में बैठी सरकार 400 पार का नारा दे रही थी और बड़े-बड़े नेताओं ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। यहां तक कि कांग्रेस के लोगों ने भी टिकट लौटा दी थी, लेकिन मैंने उस परिस्थिति में चुनाव लड़ा और जनता के आशीर्वाद से लाेकसभा चुनाव जीतकर दिल्ली गया।
उन्होंने कहा, “यही परिस्थिति विधानसभा उपचुनाव में थी। मैंने पार्टी को उपचुनाव लड़ने के लिए मना कर दिया था। पार्टी से कहा था कि किसी और को उम्मीदवार बना लो, लेकिन पार्टी ने कहा कि किसी दूसरे को प्रत्याशी बनाया तो जमानत जब्त हो जाएगी। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह साधारण चुनाव नहीं है, सरकार खुद चुनाव लड़ रही है।”
ओला ने राज्य की भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार हर तरह के हथकंडे अपना रही है। आम आदमी और सरकारी कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है। सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है, लेकिन इनको पता नहीं कि झुंझुनू वाले कितने बहादुर हैं। ये लोग ज्यादा पैसे वाले नहीं, मेहनत करके पैसे कमाते हैं, इनका सरकार क्या बिगाड़ लेगी, जो बिगाड़ना था, वह बिगाड़ लिया।
ओला ने कहा कि राज्य सरकार ने निःशुल्क दवा योजना को बदल दिया। इलाज के लिए पहले सरकार 25 लाख रुपये देती थी, उसे पांच लाख कर दिया। हमारी सरकार ने सामाजिक पेंशन योजना में हर वर्ष 15 प्रतिशत बढ़ोतरी का कानून पास किया था, उसको भी लागू नहीं किया गया। बिजली पर जो सब्सिडी थी, उसे भी नए तरीके अपनाकर वापस लेने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे कुछ भी कर लें, यहां के लोग भाजपा वालों को माकूल जवाब देंगे।
ओला परिवार का झुंझुनू जिले की राजनीति में पिछले सात दशक से प्रभाव बना हुआ है। सांसद बनने से पूर्व बृजेंद्र सिंह ओला झुंझुनू से लगातार चार बार विधायक, दो बार झुंझुनू के जिला प्रमुख, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं गहलोत सरकार में दो बार राज्य मंत्री रह चुके हैं। उनकी पत्नी राजबाला ओला झुंझुनू की जिला प्रमुख रही हैं और वर्ष 2014 में उन्होंने लोकसभा चुनाव भी लड़ा था।
बृजेंद्र ओला के पिता शीशराम ओला राजस्थान में कांग्रेस के कद्दावर नेता थे। वह आठ बार विधायक पांच बार सांसद रहने के साथ ही केंद्र एवं राज्य सरकार में कई बार कैबिनेट मंत्री रहे थे। बृजेंद्र ओला की पुत्रवधू आकांक्षा ओला महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव हैं और दिल्ली में कांग्रेस टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं। अब झुंझुनू विधानसभा उपचुनाव में उनके बेटे अमित ओला कांग्रेस उम्मीदवार हैं, जो ओला परिवार के पांचवे सदस्य हैं, जिन्हें कांग्रेस ने चुनाव मैदान में उतारा है।