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गहलोत की बढ़ेंगी मुश्किलें? क्राइम ब्रांच ने फोन टैपिंग मामले में पूर्व OSD को भेजा नोटिस; 25 सितंबर को बुलाया

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की फोन टैपिंग को लेकर की गई शिकायत पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा को पूछताछ के लिए फिर से तलब किया है।

Sneha Baluni लाइव हिन्दुस्तानTue, 24 Sep 2024 11:39 AM
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दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की फोन टैपिंग को लेकर की गई शिकायत पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा को पूछताछ के लिए फिर से तलब किया है। इस बार की पूछताछ कांग्रेस के दिग्गज नेता के लिए परेशानी का सबब बन सकता है क्योंकि उनके पूर्व ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) ने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया है कि 2020 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार को 'गिराने' के लिए शेखावत और कुछ कांग्रेस नेताओं के बीच कथित टेलीफोन बातचीत की क्लिप उन्हें खुद गहलोत ने दी थी।

शर्मा का दावा उनके पिछले स्टैंड से अलग है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें सोशल मीडिया से तीन क्लिप मिली थीं। जिसे उन्होंने समाचार संगठनों को भेज दिया था। इस सार्वजनिक खुलासे के बाद, पहली बार दिल्ली पुलिस ने उन्हें तलब किया है। उन्हें पिछली बार पिछले साल अक्टूबर में तलब किया गया था, तब राज्य में कांग्रेस सरकार सत्ता में थी।

क्राइम ब्रांच की एक टीम जयपुर पहुंची और रविवार को शर्मा को नोटिस थमाते हुए उन्हें 25 सितंबर को सुबह 11 बजे पेश होने का निर्देश दिया। इससे पहले क्राइम ब्रांच उन्हें ईमेल के जरिए नोटिस भेजती थी। शर्मा ने इस बात को कंफर्म किया है कि उन्हें नोटिस मिला है और वे उसमें लिखी तारीख और समय पर जांच में शामिल होने के लिए उपस्थित होंगे।

गहलोत के ओएसडी ने कहा, 'मैं नोटिस में दिए गए निर्देश के अनुसार क्राइम ब्रांच के सामने पेश होऊंगा।' इस साल अप्रैल में राजस्थान में दो चरणों में हुए लोकसभा चुनाव के लिए मतदान खत्म होने के बाद, शर्मा ने गहलोत पर अपने तत्कालीन डिप्टी सीएम सचिन पायलट और गजेंद्र सिंह शेखावत की छवि खराब करने की साजिश रचने, पायलट और अन्य कांग्रेस नेताओं के फोन सर्विलांस पर रखने, आरईईटी पेपर लीक में शामिल होने और पार्टी आलाकमान को अंधेरे में रखने का आरोप लगाया था।

पूर्व ओएसडी ने कहा था कि अगर उनसे पूछा जाएगा तो वह अपने दावे को लेकर अपने पास मौजूद सबूत जांच एजेंसी को दे देंगे। हालांकि, गहलोत ने आरोपों से इनकार किया था। फोन टैपिंग विवाद जुलाई 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान शुरू हुआ था जब कांग्रेस में राजस्थान सरकार थी। शेखावत और कांग्रेस नेताओं के बीच कथित टेलीफोन पर बातचीत के क्लिप पायलट और उनका समर्थन करने वाले 18 पार्टी विधायकों द्वारा अशोक गहलोत के खिलाफ विद्रोह के बीच सामने आए थे।

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