पांडुपोल-भर्तृहरि मेले में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, जानें इस बार खास इंतजाम
- राजस्थान में अलवर जिला स्थित ऐतिहासिक पांडुपोल और लोकदेवता भर्तृहरि के लक्खी मेले का शुभारंभ सोमवार को हुआ। मेले के उपलक्ष्य में आज अलवर में जिला कलेक्टर ने राजकीय अवकाश घोषित किया है।
राजस्थान में अलवर जिला स्थित ऐतिहासिक पांडुपोल और लोकदेवता भर्तृहरि के लक्खी मेले का शुभारंभ सोमवार को हुआ। मेले के उपलक्ष्य में आज अलवर में जिला कलेक्टर ने राजकीय अवकाश घोषित किया है।पांडुपोल मेले का केंद्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव और प्रदेश के वन मंत्री संजय शर्मा ने फीता काटकर किया। वहीं भर्तृहरि धाम पर लक्खी मेले के शुभारंभ पर दोनों मंत्रियों के साथ ही विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली भी मौजूद रहे। केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव और प्रदेश के वन मंत्री संजय शर्मा सुबह सरिस्का गेट से जिप्सी में सवार होकर पांडुपोल हनुमान मंदिर पहुंचे। यहां ऐतिहासिक पांडुपोल हनुमान मंदिर में उन्होंने पूजा अर्चना की।
इसी के साथ ही तीन दिवसीय लक्खी मेले की शुरुआत हुई। इस दौरान केन्द्रीय व प्रदेश के वन मंत्री ने रास्ते में जगह-जगह सरिस्का जंगल का भी जायजा लिया। उन्होंने देश, प्रदेश और अलवर जिले में सुख शांति की मंगल कामना की। बाद में केंद्रीय मंत्री यादव, प्रदेश के वन मंत्री शर्मा और प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली लोकदेवता भर्तृहरि धाम पहुंचे। यहां उन्होंने भर्तृहरि बाबा प्रतिमा के समक्ष धोक लगाई और हवन किया।
इस मौके पर मेला कमेटी की ओर से केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव और राज्य वन मंत्री संजय शर्मा का माला व साफा पहनकर स्वागत किया. तीनों नेताओं ने पूजा-अर्चना कर मेले की शुरुआत की और भर्तृहरि धाम पर ध्वजपताका चढ़ाई। सरिस्का क्षेत्र में स्थित पांडुपोल और भर्तृहरी मेला 9 से 12 सितंबर तक चलेगा।
लोकदेवता भर्तृहरि के लक्खी मेले की शुरुआत कर केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि महाराजा भर्तृहरि की कृपा से ही वे सांसद बने हैं। चुनाव के दौरान वे भर्तृहरि धाम आए थे और मत्था टेका थे। यह मेला अलवर का सबसे बड़ा मेला है। महाराजा भर्तृहरि का आशीर्वाद लेने और सभी से मिलने के लिए वे यहां आए हैं।