मेवाड़ राजघराने में तनातनी; उदयपुर पैलेस के बाहर देर रात पथराव में 3 घायल- VIDEO
उदयपुर के ऐतिहासिक सिटी पैलेस के गेट पर विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ और उनके चचेरे भाई लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ के समर्थकों के बीच तीखी झड़प देखने को मिली। क्या है पूरा मामला इस रिपोर्ट में जानें…
उदयपुर में सोमवार को भाजपा विधायक विश्वराज सिंह के मेवाड़ के 77वें महाराणा के रूप में राज्याभिषेक के बाद पूर्ववर्ती राजपरिवार में तनातनी देखी गई। ऐतिहासिक सिटी पैलेस के गेट पर विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ और उनके चचेरे भाई लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ के साथ बेहद तीखा गतिरोध देखने को मिला। राज्याभिषेक के बाद विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ को महल में दाखिल नहीं होने दिया गया जिससे यह विवाद बढ़ गया। एनडीटीवी इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, रात 10 बजे के बाद विधायक के समर्थकों ने महल पर कूंच किया। इसके बाद दोनों तरफ से पत्थरबाजी हो गई जिसमें तीन लोग घायल हो गए हैं।
पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, उदयपुर में सिटी पैलेस के बाहर स्थिति सोमवार देर रात तक तनावपूर्ण बनी रही जहां मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वराज सिंह और उनके समर्थकों को प्रवेश नहीं करने दिया गया। देर रात सिटी पैलेस के अंदर से पथराव हुआ। सिटी पैलेस के बाहर भारी पुलिस बल तैनात है।
मौजूदा हालात को देखते हुए स्थानीय पुलिस ने सिटी पैलेस में बड़ी पोल से धूणी व जनाना महल तक के विवादित क्षेत्र के लिए रिसीवर नियुक्त करने के लिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट भेजी है। धूणी सिटी पैलेस में वह जगह है जहां विश्वराज को दर्शन के लिए जाना है। भाजपा के विधायक विश्वराज सिंह को सोमवार को चित्तौड़गढ़ किले में आयोजित एक कार्यक्रम में मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के मुखिया की गद्दी पर बैठाने की रस्म निभाई गई। विश्वराज के पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ का इस महीने के शुरू में निधन हो गया था।
विश्वराज को गद्दी पर बैठाने की रस्म कार्यक्रम चित्तौड़गढ़ किले के फतहप्रकाश महल में आयोजित किया गया था। इसमें कई राज परिवारों के प्रमुख शामिल हुए थे। हालांकि महेंद्र सिंह और उनके अलग हुए छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच चल रहे विवाद के कारण यह कार्यक्रम फीका ही रहा। अरविंद सिंह ने दस्तूर कार्यक्रम के तहत विश्वराज के एकलिंग नाथ मंदिर और उदयपुर में सिटी पैलेस में जाने के खिलाफ सार्वजनिक नोटिस जारी किया है।
मेवाड़ परिवार गौरवशाली शासक महाराणा प्रताप का वंशज है। मंदिर और महल दोनों ही अरविंद के नियंत्रण में हैं जो उदयपुर में श्री एकलिंग जी ट्रस्ट के अध्यक्ष और प्रबंध न्यासी हैं। उनके वकील की तरफ से अखबारों में दिये गये दो सार्वजनिक नोटिस में आरोप लगाया गया कि समारोह के नाम पर ‘आपराधिक अतिचार’ करने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में अनधिकृत व्यक्तियों का मंदिर और सिटी पैलेस में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
इस नोटिस के बाद, कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सिटी पैलेस के गेट के बाहर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि मंदिर ट्रस्ट ने ट्रस्ट द्वारा अधिकृत व्यक्तियों को ही प्रवेश देने का फैसला किया है। सिटी पैलेस में प्रवेश के लिए भी इसी तरह का नोटिस जारी किया गया था। इन नोटिस में वकील ने कहा है कि जबरन प्रवेश या किसी भी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
चित्तौड़गढ़ किले में कार्यक्रम के बाद विश्वराज और उनके समर्थक शाम को सिटी पैलेस में स्थित एक जगह और एकलिंगनाथजी मंदिर में दर्शन करने के लिए उदयपुर पहुंचे लेकिन भारी पुलिस बल की तैनाती के कारण वे अंदर प्रवेश नहीं कर सके। विश्वराज के समर्थकों ने बैरिकेडिंग लांघने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। जिला प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने विश्वराज और उनके समर्थकों से बातचीत कर मामले को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन बातचीत बेनतीजा रही।
उदयपुर के जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल और पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल भी सिटी पैलेस के गेट पर मौजूद थे। उन्होंने मामले को सुलझाने के लिए विश्वराज और उसके बाद अरविंद सिंह मेवाड़ के बेटे से बात की। हालांकि, सिंह को प्रवेश नहीं दिया गया और वह सिटी पैलेस से कुछ मीटर दूर जगदीश चौक पर बैठे हैं। इस बीच, विश्वराज सिंह के कई समर्थक उनके समर्थन में जगदीश चौक पर जमा हुए। देर रात में सिटी पैलेस के अंदर से पथराव भी हुआ।