Hindi Newsराजस्थान न्यूज़BJP leader Kirori Lal Meena told the reason for resigning from the post of minister

'मंत्री बनने के बाद तो मैं शिखंडी बन गया हूं', बोले-किरोड़ी लाल

  • राजस्थान बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि मंत्री बनने के बाद तो मैं शिखंडी बन गया हूं, जो करने की शक्ति थी, वो भी नहीं रही है। कभी सिर नहीं झुकाउंगा।

Prem Narayan Meena लाइव हिन्दुस्तानSun, 8 Sep 2024 03:51 PM
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राजस्थान बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि मंत्री बनने के बाद तो मैं शिखंडी बन गया हूं, जो करने की शक्ति थी, वो भी नहीं रही है। कभी सिर नहीं झुकाउंगा। कहां- "अब तो मंत्री भी नही हूं, मैंने इस्तीफा दे दिया, मैंने कई बार मुख्यमंत्री को भी कह दिया कि मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लो। उन्होंने कहा क्यों? तो मैने कहा मैने 45 साल तक सवाई माधोपुर, टोंक, दौसा, अलवर, करौली, भरतपुर और धौलपुर क्षेत्र की जनता की हर दुख-दर्द में सेवा की है। मैं मोदी जी को बुलाया था, मोदी जी ने कहा था कि मैं सभा करूंगा। मैंने कहा ना आप दौसा में घर-घर चलो में पूर्वी राजस्थान की सातों सीट जिताऊंगा। लेकिन, जहां से मैं MLA हूं, वो सीट हार गया। मैं जिला दौसा की सीट हार गया, तो मैंने घोषणा की थी कि चुनावों में सीट हार गया तो मैं मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दूंगा, इसके कारण मैंने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।"

उन्होंने कहा, "मैं सच्चे मन से जनता की सेवा में लगा हूं। मैं नैतिकता की राजनीति करता हूं, इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया। अभी महाराज ने कहा था कि मंत्री नहीं रहोगे तो ज्यादा बल रहेगा लेकिन, मंत्री बनाने पर तो में शिखंडी बन गया, जो करने की शक्ति थी वो भी गायब हो गई। हठीले हमीर, जिसने अपने वचन निभाने के लिए प्राण न्योछावर कर दिया, दुश्मन के सामने सिर नहीं झुकाया।

किरोड़ी लाल मीणा ने कहा, "मैं भी वचन दे चुका हूं, जो मैंने विधानसभा चुनावों में दिया था। मैं किसी के सामने सिर झुकाने वाला नहीं हूं, सिर झुकेगा तो जनता जनार्दन के सामने झुकेगा। मुझे पद से मोह क्यों नही है, हर चीज का समय होता है। भगवान राम की सिंहासन पर बैठने की सभी तैयारियां हो गई थीं, लेकिन, उन्हें पिता के आदेश से वनवास जाना पड़ा। जब भगवान राम को ही सिंहासन छोड़ना पड़ा, तो डॉक्टर किरोड़ी लाल तो छोटी से चीज है। सिंहासन का कोई महत्व नहीं है। उन्होंने कहा, "मैं लड़ता रहूंगा और जनता का काम करता रहूंगा। मैं अकेला ही हजार के बराबर हूं। हार-जीत चलती रहती है।

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