बाबा रामदेव का भादवा मेला आज से शुरू, ऐसे होंगे दर्शन
- राजस्थान के जैसलमेर के पोकरण स्थित लोकदेवता बाबा रामदेव का 639वां भादवा मेला 5 सितंबर से शुरू हो रहा है। भक्तों की संख्या को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए है।
राजस्थान के जैसलमेर के पोकरण स्थित लोकदेवता बाबा रामदेव का 639वां भादवा मेला 5 सितंबर से शुरू हो रहा है। भक्तों की संख्या को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए है। मेला स्थल पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया गया है। उल्लेखनीय है कि पश्चिमी राजस्थान के महाकुम्भ रामदेवरा मेला को लेकर राजस्थान ही नहीं बल्कि देश भर से श्रद्धालुओं का जमावड़ा प्रतिवर्ष यहां पर लगता है। भादो (भाद्रपद) के महीने में लगने वाले इस मेले को लेकर भक्तों के उत्साह का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि श्रद्धालु दो-दो किलोमीटर लम्बी लाइनों में भी खड़े होकर बाबा की एक झलक पाने के लिए आतुर दिखाई देते हैं। इतना ही नहीं सैकड़ों हजारों किलोमीटर दूर से पैदल आकर ये लोग बाबा के प्रति अपनी अगाध श्रद्धा का परिचय भी देते हैं।
बाबा रामदेव एक लोकदेवता हैं लेकिन भक्तों के मन में उनके प्रति श्रद्धा और मेले के अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ से बाबा का दर्जा और भी अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि भक्त इतनी दूर से पैदल आते हैं। जैसलमेर के दौरे पर आने वाले हर बड़े नेता रामदेव बाबा की समाधि स्थल पर जरूर पहुंचते हैं।
बाबा रामदेव की भादवा मेले के लिए किए गए खास प्रबंध
बाबा रामदेव के 640वें भादवा मेले के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है। इसके लिए जगह-जगह पुलिस चौकी लगाई गई है , सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल की व्यवस्था की गई है। भक्तों की भारी भीड़ से भगदड़ नहीं मचे इसके लिए विशेष प्रबंध किए गए है। रामदेवरा मेले के लिए 700 पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। जगह-जगह कैमरे लगाए गए है और अस्थाई कंट्रोल रूम बनाकर हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस के अधिकारी लगातार व्यवस्थाओ का जायजा भी ले रहे है।
कौन थे बाबा रामदेव
15वीं शताब्दी के महान संत और समाज सुधारक थे. बाबा रामदेव महाराज का जन्म 1409 ईस्वी में पोखरण के शासक अजमाल सिंह तंवर के घर हुआ था। बाबा रामदेव महाराज लोक देवता माने जाते हैं। यह मंदिर उनकी समाधि पर बना हुआ है और यहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। बाबा रामदेव को 36 कौम के लोग पूजते है, क्योंकि बाबा ने सामजिक समरसता का संदेश विश्व में दिया था।