बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा को लेकर पूर्व CM अशोक गहलोत का रिएक्शन, केंद्र सरकार को दी एक सलाह
- बांग्लादेश के हिंदू नेता चिन्मय दास के खिलाफ 30 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के एक नेता की शिकायत पर चटगांव के कोतवाली पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ लगातार जारी हिंसा और इस्कॉन संस्था से जुड़े समुदाय के नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की निंदा की है। साथ ही उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की याद दिलाते हुए केंद्र सरकार से वहां रह रहे हिन्दू समुदाय के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग भी की।
गहलोत ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर शेयर की एक पोस्ट में लिखा, 'बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय के खिलाफ लगातार जारी हिंसा एवं इस हिंसा के खिलाफ लगातार बोल रहे श्री चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी निंदनीय है। बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से ही हिन्दुओं के विरुद्ध हिंसा जारी है परन्तु नई सरकार ने इसे रोकने के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाए हैं।'
इसके बाद उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की याद दिलाते हुए केंद्र सरकार को बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कदम उठाने की सलाह दी। गहलोत ने लिखा, '1970 के दशक में जब ऐसी गतिविधियां हुईं थीं तब तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी ने सख्त कदम उठाकर वहां हिन्दुओं एवं सभी अल्पसंख्यकों को सुरक्षा सुनिश्चित की थी। भारत सरकार को हस्तक्षेप कर वहां रह रहे हिन्दू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।'
बता दें कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही लगातार हिंसा के खिलाफ खुलकर बोल रहे हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को बीते सोमवार को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब वह एक रैली में शामिल होने के लिए चटगांव जाने वाले थे। इसके बाद एक स्थानीय अदालत ने मंगलवार को उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था।
दास और 18 अन्य लोगों के खिलाफ 30 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के एक नेता की शिकायत पर चटगांव के कोतवाली पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था। उन पर 25 अक्टूबर को हिंदू समुदाय की एक रैली के दौरान शहर के लालदीघी मैदान में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया।
(एजेंसी इनपुट के साथ)