अशोक गहलोत को सता रहा मानहानि में कानून का डर, बोले- केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत
- पूर्व मुख्यमंत्री के एक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शेखावत ने कहा कि संजीवनी प्रकरण में हाईकोर्ट से मुझे मिली क्लीन चिट से अशोक गहलोत व्यथित हो उठे हैं।
राजस्थान के दो बड़े नेता पूर्व सीएम अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। गहलोत के हमले के बाद केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पलटवार करते हुए कहा कि संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के पीड़ितों को न्याय दिलाने की नीयत कभी पूर्व मुख्यमंत्री की नहीं रही। वो पहले भी इस प्रकरण को लेकर राजनीति कर रहे थे और आज भी वही कर रहे हैं। अब जब मानहानि में खुद को फंसता देख रहे हैं तो उन्हें मेरी दिवंगत मां का सम्मान भी याद आ रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री के एक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शेखावत ने कहा कि संजीवनी प्रकरण में हाईकोर्ट से मुझे मिली क्लीन चिट से अशोक गहलोत व्यथित हो उठे हैं। जब तक वो सत्ता में थे, सरकार के संसाधनों का दुरुपयोग कर मुझे फंसाने की कोशिशें करते रहे। मुझे फंसाने के लिए वकीलों पर सरकारी कोष से 40 करोड़ रुपए खर्च कर दिए, लेकिन जनता ने उन्हें सत्ता से बाहर कर जवाब दिया। शेखावत ने कहा कि बड़े आश्चर्य की बात है कि अब उन्हें मेरी दिवंगत मां के सम्मान की याद आ रही है। जब उन्होंने मेरी दिवंगत मां को लेकर अनर्गल बयानबाजी की थी, तब क्यों उनके मन में ऐसा सम्मान नहीं आया। अब जब कोर्ट में उनके खिलाफ मानहानि का केस और मजबूत हो गया है तो उन्हें कानून का डर सता रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अशोक गहलोत को हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश से एसआईटी गठन कर एसओजी की जांच की याद आ रही है। साफ है कि उन्हें सरकारी एजेंसियों पर कतई भरोसा नहीं है। शेखावत ने कहा कि भारत के संविधान और न्याय व्यवस्था पर मुझे पूरा भरोसा है। दुर्भावना के साथ पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने विरोधियों के खिलाफ जो षडयंत्र रचे, उसकी सजा उन्हें शीघ्र मिलेगी। यह उनके अपने बचाव में दिए बयान से और स्पष्ट हो गया है।