Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Ashok Gehlot criticises UGC draft rules says it threat to quality of higher education

RSS प्रचारकों को सेट करने के लिए बनाया; यूजीसी नियमों के नए ड्राफ्ट पर भड़के अशोक गहलोत

  • गहलोत ने कहा कि 'सभी राज्य सरकारों एवं एकेडमिशियन कम्युनिटी को ऐसे नियमों का विरोध करना चाहिए जो उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को खराब करेंगे एवं देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेंगे'

Sourabh Jain भाषा, जयपुर, राजस्थानThu, 16 Jan 2025 07:50 PM
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राजस्थान पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने UGC (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) द्वारा शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति के लिए बनाए गए नियमों के मसौदे की आलोचना की है और कहा है कि नियमों का मसौदा RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) विचारकों को विश्वविद्यालयों में स्थापित करने के लिए बनाया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे नियम हमारी उच्च शिक्षा को बर्बाद कर देंगे।

गहलोत ने 'एक्स' पर लिखा, ‘ऐसा लगता है कि UGC द्वारा विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर एवं शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति के लिए बनाया गया नियमों का मसौदा RSS विचारकों को विश्वविद्यालयों में स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए बनाया गया है।’

कांग्रेस नेता ने लिखा, ‘इस ड्राफ्ट के अनुसार अब वाइस चांसलर बनने के लिए अकादमिक होने की बाध्यता भी नहीं रहेगी और राज्य के विश्वविद्यालयों में भी वाइस चांसलर की नियुक्ति केंद्र सरकार ही करेगी। इन नियमों से विश्वविद्यालयों में अनुबंधित प्रोफेसरों की संख्या 10 प्रतिशत भी हो सकेगी यानी चहेते लोगों को प्रोफेसरों की तरह लगाना आसान होगा।’

गहलोत के अनुसार, ‘ऐसे नियम हमारी उच्च शिक्षा को बर्बाद कर देंगे क्योंकि इससे अयोग्य लोगों के विश्वविद्यालयों में काबिज होने का खतरा होगा। यह देश की संघीय व्यवस्था के साथ खिलवाड़ होगा क्योंकि इससे राज्यों के अधिकार कम होंगे।’

उन्होंने कहा कि 'सभी राज्य सरकारों एवं अकादमिक समुदाय को ऐसे नियमों का विरोध करना चाहिए जो उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को खराब करेंगे एवं देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेंगे'

इसके बाद किए एक अन्य ट्वीट में अशोक गहलोत ने लिखा, 'BJP-RSS का 10 साल से पूरा प्रयास रहा है कि वह देश के तमाम संस्थानों पर दबाव बनाकर उन्हें अपने कब्जे में कर ले। आज ED, CBI, इनकम टैक्स, दिल्ली पुलिस समेत तमाम केन्द्रीय एजेंसियां तथा चुनाव आयोग जैसे स्वतंत्र संगठन भी सरकार के इशारे पर ही काम कर रहे हैं।'

'इसी सरकार के कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों तक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह कहा कि ज्यूडिशियरी पर दबाव है। पूरा देश इन संस्थानों की इस पक्षपातपूर्ण कार्यशैली को लेकर चिंतित है एवं कल श्री राहुल गांधी द्वारा इसी परिपेक्ष्य में दिया गया बयान पूरी तरह उचित है।'

'RSS की मंशा शुरुआत से ही सरकार में शामिल होकर उसका अंग बनना चाहता है इसलिए वो आजादी की लड़ाई में भारत की जनता के साथ ना रहकर अंग्रेजी सरकार के साथ रहे। ऐसा लगता है कि अब भी RSS-भाजपा का एजेंडा सभी संस्थानों पर कब्जा कर उनका इस्तेमाल विपक्ष एवं जनता के विरुद्ध करने का है।'

'कल सुप्रीम कोर्ट ने ED से संबंधित एक मामले में टिप्पणी की कि ED की मंशा केवल लोगों को आरोपी बनाकर जेल में बन्द रखने की है। इस टिप्पणी से स्पष्ट है कि ED का इस्तेमाल केन्द्र सरकार जनता को डराने के लिए कर रही है। राहुल गांधी का बयान देशवासियों को ऐसी गंभीर स्थिति के बारे में चेताने वाला है। इस बयान को तोड़-मरोड़ कर भाजपा नेता केवल महंगाई, बेरोजगारी जैसे मूल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने एवं मीडिया के माध्यम से उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं।' 

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