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किसानों को रूला रहा है अलवर का लाल प्याज, कीमतों में गिरावट; जानें क्या है वजह

  • अलवर जिले में इस बार लाल प्याज की बंपर पैदावर हुई है। मंडी में अच्छी अवाक हो रही है, लेकिन किसानों को दाम कम मिल पा रहा है। वजह यह है कि अभी किसान जो प्याज ला रहे हैं, वो हल्का गीला है।

Prem Narayan Meena लाइव हिन्दुस्तानFri, 15 Nov 2024 12:19 PM
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राजस्थान के अलवर जिले में इस बार लाल प्याज की बंपर पैदावर हुई है। मंडी में अच्छी अवाक हो रही है, लेकिन किसानों को दाम कम मिल पा रहा है। वजह यह है कि अभी किसान जो प्याज ला रहे हैं, वो हल्का गीला है। इसके चलते किसानों को उसी के अनुरूप प्याज के दाम मिल रहे हैं। प्याज मंडी के पदाधिकारियों के मुताबकि बुधवार को 40 हजार से ज्यादा प्याज के कट्टों की आवक रही।

प्याज मंडी अध्यक्ष के मुताबिक अलवर मंडी में लाल प्याज की आवक शुरू हुए करीब 3 सप्ताह हो चुके हैं। शुरुआत में मंडी में 15 हजार कट्टे प्रतिदिन प्याज की आवक हो रही थी। पिछले सप्ताह से प्याज की आवक में बढ़ोतरी हुई है। अब मंडी में प्रतिदिन 50 हजार से 70 हजार कट्टे प्याज की आवक हो रही है।

वर्तमान में प्याज में नमी है। इस कारण अलवर के लाल प्याज की गुणवत्ता कम है। मंडी में गुणवत्ता के अनुरूप प्याज के थोक भाव 1700 रुपए मण तक मिल रहे हैं। इस प्याज को ज्यादा समय तक स्टॉक नहीं किया जा सकता। इस साल प्याज की फसल में किसी तरह का कोई रोग लगने की शिकायत नहीं आई है, जिसके चलते किसानों को प्याज की फसल का अच्छा मुनाफा मिलने की उम्मीद है।

उद्यान विभाग के उप निदेशक केएल मीणा के मुताबिक अलवर के लाल प्याज की बढ़ती डिमांड को देखते हुए हर साल प्याज के रकबे में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं, प्रदेश में इस बार 30 हजार हेक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य रखा गया। इसमें सबसे ज्यादा बुवाई 24 हजार 500 हेक्टेयर अलवर जिले में हुई। एक हेक्टेयर में करीब 300 प्रति क्विंटल प्याज की पैदावार होती है। आगामी दिनों में प्याज की आवक और बढ़ेगी। इससे प्याज देश के उत्तरी और पूर्वी राज्यों में जाने लगेगा। इसके अलावा सभी चीजें सही रहीं तो अलवर का प्याज विदेशों में भी निर्यात होगा।

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