यूट्यूब पर मोटिवेशनल वीडियो देखो, नहीं तो...अजमेर पावर डिस्कॉम का आदेश; बाद में ऑर्डर वापस
अजमेर विद्युत वितरण निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 17 जिलों के अधिकारियों को विभाग के एक इंजीनियर के यूट्यूब चैनल पर मोटिवेशनल कंटेट (प्रेरक सामग्री) देखने, सुनने और साझा करने का निर्देश दिया है। 9 अक्टूबर को आदेश जारी किया गया।
अजमेर विद्युत वितरण निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 17 जिलों के अधिकारियों को विभाग के एक इंजीनियर के यूट्यूब चैनल पर मोटिवेशनल कंटेट (प्रेरक सामग्री) देखने, सुनने और साझा करने का निर्देश दिया। 9 अक्टूबर को जारी आदेश में पावर डिस्कॉम ने यह आदेश जारी किया था। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद अब इसे वापस ले लिया गया है।
क्या है मामला
दरअसल, एडिशनल चीफ इंजीनियर (ट्रेनिंग) एसके नागरानी ने 9 अक्टूबर को एक आधिकारिक आदेश जारी कर कहा कि जो कर्मचारी यूट्यूब चैनल के मोटिवेशनल कंटेट को सुने बिना आएंगे, उन्हें समय-समय पर होने वाली सुरक्षा चर्चाओं में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी और ऐसे 'लापरवाह' कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने जूनियर इंजीनियर (सेफ्टी) को सभी 17 सर्किलों के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाने, सभी इंजीनियरों को जोड़ने और हर शुक्रवार को ग्रुप में पोस्ट शेयर करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी और इंजीनियर अपने सबॉर्डिनेट (अधीनस्थों) के साथ-साथ बिजली उपभोक्ताओं से संबंधित ग्रुप में भी यह पोस्ट शेयर करेंगे। आदेश के साथ एक फीडबैक फॉर्म भी जारी किया गया, जिसमें चैनल की दस रचनाओं या कंटेट को लेकर सुझाव, प्रेरणा या सीख के लिए एक कॉलम है।
हर शुक्रवार पोस्ट करें शेयर
आदेश में कहा गया है कि, 'अजमेर डिस्कॉम के जूनियर इंजीनियर (सुरक्षा) यूट्यूब चैनल 'जीने की राह सुरेंद्र कुमार' पर मौजूद सभी मोटिवेशनल कंटेट पोस्ट करेंगे। वीडियो प्रत्येक शुक्रवार को सभी व्हाट्सएप ग्रुपों में जारी किए जाएंगे और ग्रुप के सभी सदस्य उन्हें सुनेंगे। वह अपने सबॉर्डिनेट्स के साथ इसे शेयर करेंगे और प्रत्येक शुक्रवार को बिजली उपभोक्ताओं से संबंधित व्हाट्सएप ग्रुपों पर भी वीडियो अपलोड करेंगे।'
आदेश में आगे कहा गया है कि जो भी मोटिवेशनल कंटेट को सुने बिना आएगा, उसे सुरक्षा चर्चा में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी और ऐसे 'लापरवाह' कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। आदेश में कहा गया है कि 'यदि कोई कर्मचारी सुरक्षा चर्चा शुरू होने से पहले उपस्थित होने में अपनी असमर्थता के बारे में संबंधित असिस्टेंट इंजीनियर को पहले ही सूचित कर देता है, तो उसके स्थान पर किसी अन्य कर्मचारी को, जिसने सभी मोटिवेशनल कंटेट सुने होंगे, सुरक्षा चर्चा में भाग लेने के लिए प्रस्तावित किया जा सकता है।'
आदेश में कुछ गलत नहीं
संपर्क करने पर अजमेर डिस्कॉम के एमडी केपी वर्मा ने पीटीआई को बताया कि आदेश वापस ले लिया गया है और जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जबकि एसीई (ट्रेनिंग) एसके नागरानी टिप्पणी के लिए मौजूद नहीं थे। दूसरी ओर एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (सेफ्टी) सुरेंद्र कुमार मौर्य ने तर्क दिया कि कुछ लोग मोटिवेशनल कंटेट के प्रसार पर सवाल कैसे उठा सकते हैं।
आदेश को उचित ठहराते हुए कहा उन्होंने कि वे उच्च अधिकारियों से मिलकर प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में व्यवस्थाएं (आदेश में उल्लेखित) करवाने के लिए कहेंगे। उन्होंने कहा, 'पोस्ट मोटिवेशनल हैं। आदेश में क्या गलत है? सभी डिस्कॉम में ऐसा होना चाहिए। मैं वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर अपना पक्ष रखूंगा।'
बता दें कि अजमेर डिस्कॉम राजस्थान के 17 जिलों अजमेर, बांसवाड़ा, ब्यावर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डीडवाना-कुचामन, डूंगरपुर, झुंझुनू, केकड़ी, नागौर, नीम का थाना, प्रतापगढ़, राजसमंद, सलूंबर, शाहपुरा, सीकर और उदयपुर में बिजली वितरण और आपूर्ति करता है।