Hindi Newsराजस्थान न्यूज़advertisement of pan masala is confusing youth, Rajasthan court seeks response from Shahrukh, Ajay and Tiger

राजस्थान की अदालत ने शाहरुख खान, अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ से 'जुबां केसरी' पर मांगा जवाब

  • याचिका में परिवादी ने बताया कि देश में 1 मई 2004 से तंबाकू उत्पाद के विज्ञापनों पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन इसके बाद भी चंद रुपयों के लिए इन फिल्मी सितारों द्वारा भ्रामक प्रचार किया जा रहा है, जिससे युवाओं का ध्यान भटक रहा है।

Sourabh Jain लाइव हिन्दुस्तान, कोटा, राजस्थानSat, 22 Feb 2025 07:31 PM
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राजस्थान की अदालत ने शाहरुख खान, अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ से 'जुबां केसरी' पर मांगा जवाब

राजस्थान के कोटा शहर की जिला उपभोक्ता अदालत में पान मसाला कंपनी के निर्माता समेत इसका विज्ञापन करने वाले बॉलीवुड सितारों शाहरूख खान, अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ के खिलाफ एक याचिका लगाई गई है, जिसमें इन लोगों पर युवाओं को भ्रमित करने का आरोप लगाया गया है। याचिकाकर्ता इन्द्रमोहन सिंह हनी की तरफ से दायर इस याचिका को अदालत ने स्वीकार कर लिया है, और तीनों अभिनेताओं से 21 अप्रैल तक मामले में जवाब मांगा है।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस तरह के झूठे या भ्रामक विज्ञापन देश में उपभोक्ताओं पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे है। ऐसे में इसे रोकने के लिए ही उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 को दण्डनीय बनाया गया है। निर्माताओं को कोई अधिकार नहीं है कि वो युवाओं को भ्रमित करें।

याचिका में परिवादी इन्द्रमोहन सिंह हनी ने बताया कि देश में 1 मई 2004 से तंबाकू उत्पाद के विज्ञापनों पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन इसके बाद भी चंद रुपयों के लिए इन फिल्मी सितारों द्वारा भ्रामक प्रचार किया जा रहा है, जिससे युवाओं का ध्यान भटक रहा है।

अधिवक्ता और भाजपा नेता हनी ने बताया कि, ‘बाजार में केसर का भाव तीन लाख रुपए किलोग्राम है। लेकिन पान मसाला के निर्माता और चंद अभिनेता इसका गलत प्रचार कर बेच रह हैं।’ दरअसल तीनों अभिनेता जिस कंपनी का प्रचार करते हैं उसके विज्ञापन में ये अभिनेता ‘दाने-दाने में केसर का दम’ और ‘जुबां केसरी’ जैसी पंच लाइन कहते नजर आते हैं।

याचिकाकर्ता ने आगे कहा ‘भारत को छोड़कर किसी भी देश के एक्टर किसी भी तरह के नशे या अन्य कोई ऐसा प्रचार नहीं करते हैं, जिसका असर समाज पर पड़े। ऐसे में उनके इस झूठे प्रचार का असर युवाओं के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।'

उन्होंने कहा कि हमारे देश के युवा भी इन अभिनेताओं को अपना आदर्श मानते हैं। ऐसे भ्रामक प्रचार को रोकने के लिए इस याचिका को लगाया है जिसमें 21 अप्रैल तक इन सभी से जवाब मांगा गया है।

याचिकाकर्ता इन्द्रमोहन सिंह हनी

इन्द्रमोहन सिंह हनी का कहना है कि हाड़ौती ही नहीं, यह राजस्थान का पहला मामला है जब इस कंपनी के पान मसाला और इसका प्रचार करने वाले अभिनेताओं के खिलाफ किसी कोर्ट में याचिका लगाई गई है। ऐसा इसलिए भी जरूरी था क्योंकि इस तरह के विज्ञापनों पर रोक लग सके और दूसरे अभिनेता भी अगर कोर्ट की कार्रवाई से डरेंगे तो वो भी ऐसे उत्पादों का विज्ञापन नहीं करेगें।

परिवादी का ये भी कहना है कि ये अभिनेता अपने बच्चों को कभी भी पान मसाला खाने के प्रेरित नहीं करेंगे, लेकिन दूसरे के बच्चों को दलदल में धकलने के लिए तैयार हैं। हजारों करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक होने के बाद भी कुछ रुपए के लिए इस तरह के विज्ञापन कर रहे हैं, इनको रोकना बेहद जरूरी है।

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