राजस्थान: सरकारी स्कूल के वाटर टैंक में गिरने से 3 छात्राओं की मौत, खेलते समय कैसे हुआ हादसा?
- यहां एक सरकारी स्कूल में खेलते समय बच्चे हादसे का शिकार हो गए और तीन छात्राओं की वाटर टैंक में गिरने से दर्दनाक मौत हो गई। घटना बीकानेर जिले के राजकीय प्राथमिक विद्यालय की है।
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राजस्थान के बीकानेर से दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है। यहां एक सरकारी स्कूल में खेलते समय बच्चे हादसे का शिकार हो गए और तीन छात्राओं की वाटर टैंक में गिरने से दर्दनाक मौत हो गई। घटना बीकानेर जिले के राजकीय प्राथमिक विद्यालय की है। लड़कियों की पहचान प्रज्ञा जाट, भारती जाट और रवीना के रूप में हुई है। उनकी उम्र लगभग आठ साल थी।
खेलते समय कैसे हुआ हादसा?
नोखा कस्बे के केडली गांव के सरकारी स्कूल में हादसा उस समय हुआ जब छात्राएं खेल रही थीं। खेलते समय बच्चियां पानी की टंकी पर चढ़ गईं। इसी वक्त टंकी की पट्टियां टूट गईं और तीनों बच्चियां आठ फुट गहरे टैंक में गिर गईं। आसपास मौजूद टीचर को इसकी जानकारी मिली तो बचाव अभियान शुरू हुआ। बच्चियां बुरी तरह मलबे में दब गई थीं। करीब आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बच्चियों को बाहर निकाला जा सका। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
स्थानीय लोगों की मदद से ऐसे निकाले गए शव
आपको बता दें कि स्कूल टीचर द्वारा हादसे की सूचना स्थानीय लोगों को दी गई तो मौके पर पहुंचे लोगों ने बचाव अभियान शुरू किया। पहले ट्रैक्टर की मदद से टैंक का पानी बाहर निकाला गया, फिर सीढ़ी की मदद से कुछ लोग अंदर टैंक में उतरे और काफी मशक्कत के बाद मलवा को हटाया गया। तब जाकर बच्चियों को बचाया जा सका। नोखा के थानाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि स्कूल परिसर में खेलते समय तीन लड़कियां पानी की टंकी में गिर गईं। तीनों की मौत हो गई।
प्रिंसिपल ने पहले भी दी थी चेतावनी
चिंताजनक बात यह है कि स्कूल प्रिंसिपल संतोष ने पहले ही 18 दिसंबर, 2024 को लिखे पत्र में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को 23 साल पुराने टैंक की खतरनाक स्थिति के बारे में चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि टैंक काफी नीचे डूब चुका है और गिर सकता है, जिससे छात्रों के लिए खतरा पैदा हो सकता है। इस चेतावनी के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।
ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन और मांग
सुबह करीब 11 बजे हुई इस दुर्घटना के बाद कथित सरकारी लापरवाही को लेकर लोगों में आक्रोश और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। इस त्रासदी के बाद, ग्रामीणों ने नोखा अस्पताल के शवगृह के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और मृतकों के परिवारों के लिए जवाबदेही और मुआवजे की मांग की। उन्होंने अपनी मांगें पूरी होने तक पोस्टमार्टम की अनुमति देने से इनकार कर दिया।
प्रिंसिपल और शिक्षक को किया निलंबित
वृष्णि ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि हम भविष्य में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर कदम उठा रहे हैं। शिक्षा विभाग द्वारा जल्द से जल्द सभी स्कूलों की जांच की जाएगी और हम जल्द से जल्द सभी खतरनाक संरचनाओं को हटा देंगे। हालांकि, शिक्षा विभाग ने स्कूल की प्रिंसिपल और एक शिक्षक को उनकी निगरानी में लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया है।