Hindi Newsराजस्थान न्यूज़3 arrested including husband and wife in Rajasthan for more than 400 crores cyber fraud

राजस्थान : 400 करोड़ से अधिक के साइबर फ्रॉड करने वाले गैंग का खुलासा, पति-पत्नी समेत 3 गिरफ्तार

राजस्थान में भरतपुर पुलिस की टीम ने करीब 400 करोड़ रुपये से अधिक की साइबर ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा कर पति-पत्नी सहित 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ के साथ ही इनके बैंक खाते खंगाल रही है। पुलिस को आशंका है कि ठगी की रकम 1000 करोड़ से भी अधिक हो सकती है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, जयपुर। वार्ताSat, 10 May 2025 06:15 AM
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राजस्थान : 400 करोड़ से अधिक के साइबर फ्रॉड करने वाले गैंग का खुलासा, पति-पत्नी समेत 3 गिरफ्तार

राजस्थान में भरतपुर पुलिस की टीम ने करीब 400 करोड़ रुपये से अधिक की साइबर ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा कर पति-पत्नी सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस गिरोह के आरोपियों से पूछताछ के साथ ही इनके बैंक खाते खंगाल रही है। पुलिस को आशंका है कि ठगी की रकम 1000 करोड़ एवं इससे अधिक भी हो सकती है।

पुलिस महानिदेशक (साइबर क्राइम) हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने आरोपी रविंद्र सिंह (54) तथा दिनेश सिंह (49) और उसकी पत्नी कुमकुम को गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया के रहने वाले हैं और फिलहाल दिल्ली में रहते हैं।

प्रियदर्शी ने बताया कि साइबर थाना धौलपुर पर पीड़ित हरीसिंह द्वारा 1930 पर फिनो पेमेंट बैंक के खाते के खिलाफ साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराई गई थी। उन्होंने बताया कि जब इस शिकायत की जांच की गई तो बेहद चौकाने वाली यह बात सामने आई कि जिस बैंक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई, उसी खाते के खिलाफ 1930 पर उस समय करीब 3000 शिकायत दर्ज थीं, जो अब बढ़कर 4000 से भी अधिक हो गई हैं। प्रकरण की गम्भीरता के मद्देनजर साइबर थाना धौलपुर में 1930 की शिकायत के आधार पर तुरंत मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए गए।

उन्होंने बताया कि फिनो पेमेंट बैंक के जिस खाते के खिलाफ 4000 से अधिक साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज पाई गई हैं। जांच में पता चला कि धौलपुर के परिवादी के 35 लाख रुपये आगे निम्नलिखित चार कम्पनियों के चार कंपनियों रूकनेक इंटरप्राईजेज प्राईवेट लिमिटेट, सेलवा कृष्णा आईटी सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, एसकेआरसी इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड एवं नित्यश्री मेन पॉवर एंड कॉन्ट्रेक्ट वर्क्स के खातों में ट्रान्सफर किए गए हैं।

जांच अधिकारी द्वारा जांच के दौरान इन चारों कम्पनी के बैंक खातों को तुरंत प्रभाव से डेबिट फ्रीज कराया गया। इन कम्पनियों के बैंक खातों में वर्तमान में करीब चार करोड़ रुपये की राशि डेबिट फ्रीज है। चोरों कम्पनी की जांच से यह बात निकल कर आई कि इनके डायरेक्टर के तौर पर रूकनेक इंटरप्राईजेज के डायरेक्टर दिनेश और कुमकुम, सेलवा कृष्णा आईटी के डायरेक्टर सी कृष्ण कुमार और सेलवा कुमार शामिल थे।

इसी प्रकार एसकेआरसी इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर रोशन बिहोर और वेंकटेश बल्लया बदलाकोंडा, नित्यश्री मेन पॉवर एंड कॉन्ट्रेक्ट वर्क्स के डायरेक्टर भारथीधसन सुसराज और पुरुषोत्तम पलानिअप्पन भी शामिल थे।

यह गिरोह वित्तीय रूप से अत्यंत कमजोर एवं ठगों के द्वारा मासिक रूप से दिए जाने वाली रकम से गुजारा कर रहे हैं। इनके द्वारा गैमिंग ऐप के फर्जी लिंक, शेयर बजार में इन्वेस्टमेन्ट का झांसा देकर लोगों के साथ ठगी की जा रही है और बीते चार महीनों में ही करीब 400 करोड़ से अधिक की ठगी राशि का लेन-देन इन कम्पनियों के खातों में हुआ है। सम्भावना है कि जांच में ठगी की रकम 1000 करोड़ एवं इससे अधिक भी हो सकती है।

अभी तक की पड़ताल के अनुसार, इस गिरोह का सरगना रविंद्र सिंह है, जिसने एमबीए किया है तथा इसका भांजा शशिकांत सिंह हैं जो तकनीकी रूप से रविंद्र सिंह की मदद करता है। शशिकांत उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में बमरौली का रहने वाला है। इस गिरोह के सदस्यों ने विभिन्न पेमेंट गेटवे फिनो पेमेंट, बुकबोक्स, फोनपे, अबु डांस पेमेबत, पे वाइज, ट्राई पे पर मर्चेन्ट जारी करवा रखे हैं। उक्त मर्चेन्ट में आया हुआ पैसा आरोपी के विभिन्न बैंक में चला जाता है।

ठगी का पैसा विभिन्न लेयर से होकर मुख्य सरगना के पास पहुंचता है। इनके द्वारा खोली गई कंपनी के पते और खातों में दिए हुए ज्यादातर पते फर्जी हैं तथा इनके द्वारा उपयोग में लिए जा रहे सिम कार्ड भी फर्जी नाम-पते से उपयोग में लिए जा रहे हैं, जो रविंद्र के द्वारा जानबूझकर उपलब्ध कराए जाते हैं। संबंधित दस्तावेज की वेरिफिकेशन का काम रविंद्र के द्वारा ही कराया जाता है। यह भी जानकारी में आया है कि इनके द्वारा सीए की सेवाएं भी ली जा रही हैं।

अभी तक की जांच से पता चला है कि आरोपियों के एवं उनकी कम्पनियों के कई बैंकों में खाते है। खातों की वेरिफिकेशन में क्या प्रक्रिया अपनाई गई है इसके लिए संबंधित बैंक के मैनेजरों को नोटिस जारी कर जांच की जाएगी और आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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