अकाल तख्त पहुंचे 'तनखैया' घोषित सुखबीर सिंह बादल, पैर में हुआ फ्रैक्चर
- बता दें, सुखबीर सिंह बादल श्री अकाल तख्त साहिब के सचिवालय पहुंचे थे। उन्हें अकाल तख्त द्वारा तनखैया घोषित किया गया है।
शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को अमृतसर स्थित श्री अकाल तख्त साहिब के सचिवालय (स्वर्ण मंदिर) में चोट लग गई। इससे उनके दाएं पैर में मामूली हेयरलाइन फ्रैक्चर हो गया है। चोट लगने के बाद उन्हें गुरु रामदास अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद वे वापस अपनी यात्रा पर रवाना हो गए।
अचानक हुए इस हादसे के बाद वरिष्ठ अकाली दल नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने जानकारी दी कि "सुखबीर सिंह बादल को अमृतसर में दाएं पैर की एक छोटी हड्डी में हल्का हेयरलाइन फ्रैक्चर हुआ है। घबराने की कोई बात नहीं है। गुरु साहिब के आशीर्वाद से वे पूरी तरह ठीक हैं और इलाज के तुरंत बाद अपनी अगली यात्रा के लिए रवाना हो गए। सभी शुभचिंतकों का धन्यवाद।"
बता दें, सुखबीर सिंह बादल श्री अकाल तख्त साहिब के सचिवालय पहुंचे थे। उन्हें अकाल तख्त द्वारा तनखैया घोषित किया गया है। बुधवार को श्री अकाल तख्त साहिब सचिवालय पहुंचे सुखबीर सिंह बादल ने लिखित अपील कर अकाल तख्त साहिब से जल्द से जल्द उनके बारे में फैसला लेने का आग्रह किया है। इस संबंध में बादल ने जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से लिखित अपील करते हुए कहा है कि उन पर जल्द से जल्द फैसला लिया जाए।
बता दें कि सुखबीर सिंह बादल को 30 अगस्त को तनखैया घोषित किया गया था, लेकिन सिंह सहबान ने अभी तक उन्हें कोई सजा नहीं दी है। उन्होंने सिंह सहबान से अपील की कि वे इनके बारे में जल्द फैसला लें। उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से मुझे जो सजा दी जाएगी, वह मुझे स्वीकार्य होगी। बता दें कि पंजाब के उपचुनाव अकाली दल नहीं लड़ रहा है क्योंकि पार्टी अध्यक्ष को तनखैया घोषित कर दिया गया है।
सुखबीर बादल से धार्मिक मानदंडों के अनुसार उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई करने का आग्रह किया। अकाल तख्त सचिवालय में सौंपे गए पत्र में उन्होंने कहा कि सिख पंथ और पंजाब बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और वह कोई भी कदम उठाने में असमर्थ हैं, क्योंकि अकाल तख्त के आदेशों के अनुसार वह किसी भी राजनीतिक गतिविधि में भाग लेने से परहेज कर रहे हैं।
तनखैया घोषित होना क्या होता है?
"तनखैया" एक सिख धार्मिक शब्द है जिसका इस्तेमाल उस व्यक्ति के लिए किया जाता है जिसने सिख धर्म के सिद्धांतों, मर्यादाओं, या रीति-रिवाजों का उल्लंघन किया हो। किसी व्यक्ति को "तनखैया" घोषित करना एक धार्मिक निर्णय है, जिसे सिख धर्म की सर्वोच्च संस्था अकाल तख्त द्वारा लिया जाता है। जब कोई व्यक्ति तनखैया घोषित होता है, तो उसे अपने धार्मिक अपराधों के लिए अकाल तख्त के सामने पेश होकर माफी मांगनी होती है और साथ ही उसे धार्मिक सजा का पालन करना पड़ता है, जिसे "तनखाह" कहते हैं। तनखाह का उद्देश्य सिख मर्यादा की पुनः स्थापना और उस व्यक्ति को सुधार का मौका देना होता है, ताकि वह सिख धर्म के मार्ग पर वापस लौट सके।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।