जालंधर का गढ़ नहीं बचा पाई कांग्रेस, 'आप' के सुशील कुमार रिंकू ने दर्ज की ऐतिहासिक जीत
कांग्रेस ने जालंधर उपचुनाव में हार स्वीकार कर ली है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने ट्वीट कर कहा, हम जनता का जनादेश विनम्रता से स्वीकार करते हैं।
पंजाब की जालंधर लोकसभा सीट के लिये गत 10 मई को हुए उपचुनाव की मतगणना पूरी हो चुकी है। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सुशील कुमार रिंकू ने यहां लगभग 58 हजार वोटों से ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। उन्हें बधाइयां देने का सिलसिला शुरू हो गया है। शिरोमणि अकाली दल (शिअद)-बहुजन समाज पार्टी(बसपा) गठबंधन उम्मीदवार सुखविंदर सिंह सुक्खी तीसरे स्थान पर हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) उम्मीदवार इंदर इकबाल सिंह अटवाल 134706 मतों के साथ चौथे स्थान पर खिसक गए हैं। आप, कांग्रेस, शिअद और भाजपा को इस उपचुनाव में क्रमश: 34.05, 27.44, 17.85 और 15.19 प्रतिशत मत मिले हैं।
डॉ सुक्खी दो बार के विधायक और पेशे से डॉक्टर हैं। रिंकू चुनाव से ऐन पहले ही कांग्रेस छोड़ कर आप में शामिल हुए थे। इंदर इकबाल सिंह अटवाल, राज्य के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल के पुत्र हैं। अब उनके पिता भी शिअद को अलविदा कहकर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। आप संयोजक और दल्लिी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दल्ली में पत्रकारवार्ता कर जालंधर उपचुनाव में जीत के लिए लोगों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि जालंधर के जनादेश ने यह बता दिया कि पंजाब की जनता राज्य की आप सरकार के काम से संतुष्ट भी है और खुश भी। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने जालंधर लोकसभा उपचुनाव में जीत के बाद श्री केजरीवाल से दल्लिी स्थित उनके आवास पर मुलाकात कर उन्हें बधाई दी।
पंजाब के वत्ति मंत्री हरपाल सिंह चीमा, राजस्व मंत्री ब्रह्म शंकर और स्थानीय निकाय मंत्री डा. इंदरबीर सिंह नज्जिर ने जालंधर लोकसभा उपचुनाव में पार्टी की जीत पर खुशी जाहिर की है। इन्हें कहा कि वे जालंधर के लोगों को धन्यवाद करना चाहता हूं, जन्हिोंने आम आदमी पार्टी के लिए वोट किया।
कांग्रेस ने जालंधर उपचुनाव में हार स्वीकार कर ली है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने ट्वीट कर कहा, हम जनता का जनादेश विनम्रता से स्वीकार करते हैं। मैं पार्टी कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवकों, समर्थकों और सभी को धन्यवाद देता हूं। मैं सुशील रिंकू और आप पार्टी को जीत की बधाई देता हूं। करमजीत कौर कांग्रेस के दिवंगत सांसद संतोख सिंह चौधरी की पत्नी हैं। चौधरी का गत जनवरी में पार्टी नेता राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। उनके ही निधन से रक्ति हुई इस सीट पर उपचुनाव कराया गया है। कांग्रेस ने इस उपचुनाव में उनकी पत्नी को टिकट दिया था।
इस सीट के लिए चुनाव मैदान में कुल 19 उम्मीदवार थे, लेकिन मुख्य मुकाबला आप, कांग्र्रेस, शिअद और भाजपा उम्मीदवारों के बीच था। मतगणना के अंतिम दौर तक यह मुकाबला आप और कांग्रेस के बीच सिमटता गया तथा शिअद और भाजपा काफी पिछड़ गये। चारों दलों के लिए यह चुनाव प्रतष्ठिा की कसौटी था। भाजपा के लिए पंजाब में सियासत के लिए यह उपचुनाव काफी अहम था। उसने 1997 के बाद पहली बार शिअद से अलग होकर यह चुनाव लड़ा। कांग्रेस के लिए अपना गढ़ बचाना चुनौती थी। वह 1999 से लगातार यहां से जीतती रही है।
उपचुनाव को एक साल पुरानी भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार के कार्य प्रदर्शन की परीक्षा के रूप में भी देखा जा रहा है जो मुफ्त बिजली, युवाओं को रोजगार, ठेका कर्मचारियों को नियमित करने तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई जैसे अनेक मुद्दों पर सक्रियता से कार्रवाई करने के वादे के साथ सत्ता में आयी थी। इस उपचुनाव में उसके कामों पर जनता ने अपनी मुहर लगा दी है।
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