मोहाली के मेयर को पद से हटाने के पंजाब सरकार के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
जीती सिद्धू ने 28 दिसंबर के आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उसमें पंजाब लोकल बॉडीज डिपार्टमेंट ने उनकी हाउस मेंबरशिप को कैंसिल कर दिया था।जीती सिद्धू पंजाब के पूर्व हेल्थ मिनिस्टर के छोटे भाई है।
मोहाली के मेयर अमरजीत सिंह सिद्धू उर्फ जीती सिद्धू को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने उन्हें मेयर और काउंसलर के पद से हटाए जाने के आदेशों पर रोक लगा दी है। वह मेयर बने रहेंगे। पंजाब सरकार ने जीती सिद्धू पर चल रही एक जांच में कार्रवाई करते हुए उन्हें मेयर की कुर्सी से हटाने के आदेश जारी किए थे। जीती सिद्धू ने 28 दिसंबर के आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उसमें पंजाब लोकल बॉडीज डिपार्टमेंट ने उनकी हाउस मेंबरशिप को कैंसिल कर दिया था।
पंजाब सरकार का जवाब सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व रख लिया था। अब यह फैसला आया है। मामले में अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होगी। उनके खिलाफ कुछ पार्षदों ने शिकायत की थी। निगम पार्षदों ने बीते 10 अगस्त को पंजाब स्थानीय इकाई विभाग के प्रमुख सचिव को जीती सिद्धू की शिकायत दी थी।
अपनी ही सोसायटी को टेंडर देने के लगे थे आरोप
जीती सिद्धू पंजाब के पूर्व हेल्थ मिनिस्टर बलबीर सिंह सिद्धू के छोटे भाई हैं। जीती सिद्धू पर आरोप था कि उन्होंने उन फाइनेंस एंड कॉन्ट्रैक्ट कमेटी की बैठकों की अध्यक्षता की, जिसमें टेंडर उस सोसाइटी को दिए गए जिसके वह मेंबर थे। विपक्ष ने आरोप लगाया था कि जीती सिद्धू ने सोसाइटी को 12 टेंडर अलॉट किए जो लगभग 1.5 करोड़ के थे। अमृतपाल कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड मोहाली के फेज-6 में है।
पंजाब सरकार के फैसले को बताया था तानाशाही
हाईकोर्ट में जीती सिद्धू ने कहा था कि उन्हें पार्षद के पद से इसलिए हटाया गया क्योंकि वह संबंधित सोसाइटी के मेंबर थे। पंजाब सरकार ने तानाशाही से यह कार्रवाई की। पंजाब म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट, 1976 के तहत उन्हें इस प्रकार हटाए जाने का कोई आधार नहीं है।
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