सिद्धू रहेंगे या बिट्टू, 10 दिनों के अंदर हो फैसला; पंजाब कांग्रेस में नवजोत सिंह के खिलाफ MP का अल्टीमेटम
Punjab Congress: लुधियाना सांसद रवनीत बिट्टू ने 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में हार का ठीकरा नवजोत सिंह सिद्धू पर फोड़ते हुए कहा कि कांग्रेस 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव अंदरूनी कलह के कारण हारी।
पंजाब कांग्रेस के अंदरखाने सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। लोकसभा चुनाव 2024 में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के मुद्दे पर पंजाब कांग्रेस के नेता पहले ही पार्टी आलाकमान से अपनी नाराजगी जता चुके हैं, अब पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर पार्टी के एक सांसद ने पार्टी नेतृत्व को अल्टीमेटम थमा दिया है। लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू ने साफ कहा है कि पार्टी 10 दिनों के अंदर नवजोत सिंह सिद्धू को बाहर का दरवाजा दिखाए।
बिट्टू इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने कहा कि अगर हम चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी देश के लिए एक मिशाल पेश करे तो 10 दिनों के अंदर या तो सिद्धू या उन्हें पार्टी छोड़नी होगी। पार्टी की प्रदेश इकाई से परामर्श किए बिना रैलियां आयोजित करने के बाद कांग्रेस नेता कई हफ्तों से सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उन्होंने यह कहकर उन्हें सही ठहराया था कि वह पार्टी की नींव को मजबूत करने के लिए लोगों के बीच जा रहे हैं।
इंडिया टुडे टीवी को दिए एक इंटरव्यू में लुधियाना सांसद रवनीत बिट्टू ने 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में हार का ठीकरा नवजोत सिंह सिद्धू पर फोड़ते हुए कहा कि कांग्रेस 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव अंदरूनी कलह के कारण हारी। उन्होंने कहा, ''मैं इस बारे में 100 फीसदी आश्वस्त हूं।''
लोकसभा चुनावों में आप के साथ गठबंधन पर रवनीत बिट्टू ने कहा कि ग्रामीण स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं ने आप से गठजोड़ करने से मना किया है। उन्होंने इसकी पीछे के कारणों को गिनाते हुए बताया कि आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के खिलाफ बहुत झूठ बोला है और सत्ता में आने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ राज्य एजेंसियों और पुलिस का दुरुपयोग किया है।
उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रदेश नेताओं ने इस मामले में पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे और पंजाब कांग्रेस मामलों के प्रभारी देवेंद्र यादव को अपनी राय से अवगत करा दिया है। रवनीत बिट्टू ने कहा, "हमने सलाह दी है कि कांग्रेस को पंजाब में अकेले लड़ना चाहिए, लेकिन बाकी पार्टी आलाकमान पर निर्भर है।" बिट्टू ने इस बात पर जोर दिया कि वह अगली लोकसभा चुनाव भी लुधियाना से ही लड़ेंगे, नहीं तो कहीं और से नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व को अपने फैसले से उन्होंने अवगत करा दिया है। बिट्टू 2014 और 2019 का चुनाव लुधियाना से जीत चुके हैं। उससे पहले वह आनंदपुर साहिब से भी सांसद रहे हैं।
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