पंजाब में जमीन अधिग्रहण पर बवाल, पुलिस और किसानों में हुई भिड़ंत, कई जख्मी
- अधिग्रहण की गई जमीन का कब्जा छुड़ाने के लिए आए किसानों को खदेड़ने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पर पड़े। इस भिड़ंत में कई किसान जख्मी हुए हैं और पांच पुलिस वालों को भी चोटें लगी हैं।
भारतमाला परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण के मामले को लेकर बठिंडा के गांव दुन्नेवाला में पुलिस और किसानों में खूनी संघर्ष हो गया। अधिग्रहण की गई जमीन का कब्जा छुड़ाने के लिए आए किसानों को खदेड़ने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पर पड़े। इस भिड़ंत में कई किसान जख्मी हुए हैं और पांच पुलिस वालों को भी चोटें लगी हैं। घायलों को सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई और मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
प्रशासन ने 47 लाख रूपये मुआवजा दिया, किसान मांग रहे 70 लाख
एक दिन पहले जिला प्रशासन ने गांव दुन्नेवाला, शेरगढ़ और भगवानगढ़ में आठ किलोमीटर में जमीन का कब्जा लिया था। प्रशासन ने किसानों को 47 लाख रूपये मुआवजा दिया था लेकिन किसान इस जमीन का 70 लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मांग रहे हैं। अधिग्रहण के विरोध में आज भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा के नेता जोगिंदर सिंह उगराहा सैंकडो किसानों के साथ गांव दुन्नेवाला में प्रशासन की ओर से कब्जे में ली गई जमीन से कब्जा हटाने के लिए आए थे। प्रशासन और पुलिस ने किसानों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वे अपनी बात पर अडे रहे। देखते ही देखते किसानों और पुलिस में टकराव शुरू हो गया। पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज करते हुए उन पर आंसू गैस के गोले छोड दिए। भडके किसानों ने पुलिस पर भी पथराव कर दिया। इस घटना में कई किसान और पांच पुलिस कर्मी जख्मी हो गए।
किसानों की प्रशासन के साथ मीटिंग रही बेनतीजा
गांव दुन्नेवाला को पुलिस छावनी में तबदील कर दिया गया है। डीआईजी हरचरन सिंह भुल्लर और एसएसपी अमनीत कौंडल भी मौके पर मौजूद रहे। एसएसपी अमनीत कौंडल ने बताया कि पांच पुलिस कर्मी जख्मी हुए है, जिनको उपचार के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मौके पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए हैं। वहीं, प्रशासन का कहना है कि मुआवजा सरकारी निर्देशों के अनुसार तय किया गया है लेकिन किसानों का कहना है कि उनकी जमीन का अधिग्रहण उनकी सहमति के बिना किया गया और उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया गया है। देर शाम को किसानों की पांच सदस्यीय कमेटी की प्रशासन के साथ मीटिंग बुलाई गई थी लेकिन इस में भी कोई हल नहीं निकला जिसके बाद किसानों ने वहीं पर धरना लगाने का ऐलान कर दिया। पंजाब में नेशनल हाईवे के प्रोजेक्ट नहीं हो पा रहे पूरे
पंजाब में नेशनल हाईवे के चल रहे प्रोजेक्ट जमीन अधिग्रहण के कारण पूरे नहीं हो पा रहे हैं। इसको लेकर तीन महीने पहले केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार को आदेश दिए गए थे कि नेशनल हाईवे के प्रोजेक्टों को जल्द पूरा करने के लिए जमीन अधिग्रहण किया जाए। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने तो पंजाब में नेशनल हाईवे के सात प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। भूमि अधिग्रहण के बाद इसमें लॉ एंड ऑर्डर की दिक्कत आ रही है।
गडकरी भी कर चुके हैं पंजाब सरकार को आगाह
नितिन गडकरी ने इसको लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिख चेतावनी दी थी कि अगर ऐसा चलता रहा तो प्रोजेक्ट को बंद करना पड़ेगा। इसके बाद पंजाब सरकार की ओर से राज्य के सभी जिलों के डीसी से मीटिंग कर अधूरे प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए जमीन अधिग्रहण का काम समय पर निपटाने के आदेश दिए थे। यह मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट तक गया था और हाई कोर्ट ने पुलिस की निगरानी में जमीन अधिग्रहण का काम पूरा करने के आदेश जारी किये थे लेकिन जमीन अधिग्रहण के काम में दिक्कतें आ रही हैं। किसान अपनी जमीनों के लिए अधिक मुआवजा मांग रहे हैं।
रिपोर्ट: मोनी देवी
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।