दिलजीत दोसांझ के शो पर निहंगों की टेढ़ी नजर, चेतावनी देते हुए कहा- खबरदार जो...
- निहंग बाबा धर्म सिंह अकाली ने कहा कि पंजाबी गायकों को हिदायत दी जाती है कि वे ढंग की स्टेज लगाएं। गंदे या अश्लील और शराब वाले गाने न गाएं। न ही ऐसे कार्यक्रमों में शराब परोसी जाए।
चंडीगढ़ के सेक्टर-34 प्रदर्शनी ग्राउंड में होने वाले मशहूर सिंगर-एक्टर दिलजीत दोसांझ के शो पर अब निहंगों ने आपत्ति जताई है। मोहाली में चल रहे मोर्चे में निहंगों ने चेतावनी दी कि पंजाब में शहीदी सप्ताह शुरू होने जा रहा है। इस दौरान अगर कोई पंजाबी सिंगर शराब, नशे या दूसरे कौम विरोधी गाने गाएगा तो उसे कड़ा सबक सिखाया जाएगा। निहंग बाबा धर्म सिंह अकाली ने कहा कि ऐसे सिख गायकों को शर्म करनी चाहिए जो नशे पर गाने गाते हैं। वे अपने सिर पर सजी पगड़ी की मर्यादा को भी भूल जाते हैं।
बाबा धर्म सिंह अकाली ने कहा, 'दिलजीत दोसांझ तो क्या, इस दौरान किसी भी पंजाब सिंगर ने समाज को प्रदूषित करने वाले और गलत संदेश देने वाले गाने गाए तो उन्हें निहंग कड़ा सबक सिखाएंगे। इन्हें पंथ की ओर से हिदायत दी जाती है कि खबरदार हो जाओ। देश की आन के लिए सिखों ने सिर कटवा लिए और ये लोग ऐसे काम कर रहे हैं, इन्हें शर्म आनी चाहिए'। निहंग बाबा धर्म सिंह अकाली ने कहा कि पंजाबी गायकों को हिदायत दी जाती है कि वे ढंग की स्टेज लगाएं। गंदे या अश्लील और शराब वाले गाने न गाएं। न ही ऐसे कार्यक्रमों में शराब परोसी जाए।
चंडीगढ़ पुलिस ने जारी की ट्रैफिक एडवाइजरी
चंडीगढ़ में सेक्टर-34 के ग्राउंड में कल को होने वाले पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ के दिल-लुमिनाटी कॉन्सर्ट को लेकर चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। सेक्टर-33/34 डिवाइडिंग रोड और सेक्टर-34 मार्केट के अंदरूनी रोड पर वाहनों की एंट्री बंद रहेगी। कई रूटों पर यातायात को डायवर्ट कर दिया गया है। इससे वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। कॉन्सर्ट के दौरान सुरक्षा के लिए 2,500 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे।
'गुरु गोबिंद सिंह के परिवार की शहादत की सबसे बड़ी मिसाल'
सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के परिवार की शहादत को आज भी इतिहास की सबसे बड़ी शहादत माना जाता है। धर्म व आम जन की रक्षा के लिए दी गई इस शहादत जैसा दूसरा ही कोई उदाहरण सुनने या पढ़ने को मिलता हो। गुरु गोबिंद सिंह ने अपने मुट्ठीभर सैनिकों के साथ मुगलिया सल्तनत को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया था। इसी दिन गुरु गोबिंद साहब ने अपनी मां, पत्नी और बच्चों समेत सभी की कुर्बानी दी थी। सिख धर्म में दिसंबर का अंतिम सप्ताह शहीदी दिवस के रूप में जाना जाता है। इन दिनों गुरुद्वारों से लेकर घरों तक में कीर्तन-पाठ बड़े स्तर पर किया जाता है। बच्चों को गुरु साहिब के परिवार की शहादत के बारे में बताया जाता है। साथ ही कई श्रद्धावान सिख इस पूरे हफ्ते जमीन पर सोते हैं और माता गुजरी व साहिबजादों की शहादत को नमन करते हैं।
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