Hindi Newsपंजाब न्यूज़Farmers and police clash again in Punjab heavy tension in area What is dispute on Delhi-Amritsar-Katra Express way

पंजाब में फिर भिड़े किसान और पुलिस, इलाके में भारी तनाव; क्या है दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे पर विवाद?

मलेरकोटला में गांव शरोद में किसानों की जमीन का दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे के लिए प्रशासन ने अधिग्रहण किया था लेकिन कम कीमत देने के विरोध में जमीन मालिक कब्जा देने के लिए राजी नहीं थे। आज पुलिस फोर्स के साथ प्रशासन जमीन पर कब्जा लेने आया था लेकिन किसानों ने उसका विरोध शुरू कर दिया।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, चंडीगढ़Wed, 28 Aug 2024 07:46 PM
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दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर पंजाब के मालेरकोटला में किसान और प्रशासन आमने सामने आ गए हैं। किसान जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं। बुधवार को नाराज किसानों ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दी और पुलिस से भिड़ गए। किसानों के विरोध के बावजूद मंगलवार को यहां पुलिस ने जमीन पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद बधवार को भारतीय किसान यूनियन के सदस्य विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे। उन्होंने पुलिस की ओर से लगाई गई बैरिकेडिंग तोड़ दी। पुलिस ने उन्हें वहां से भगाने की कोशिश की। इससे अफरातफरी मच गई। बड़ी संख्या में किसान हाथों में लाठी-डंडे और झंडे लेकर वहां पहुंचे थे। पुलिस बार-बार बैरिकेडिंग लगाती और किसान उसे हटा देते।

किसानों और पुलिस के बीच ताजा भिड़ंत से इलाके में भारी तनाव है। प्रशासन ने ऐहतियात बरतते हुए इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है। पुलिस के साथ किसानों की भिड़ंत यह घटना आज शाम को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में होने वाली एक उच्च स्तरीय बैठक से पहले हुई है। बैठक में नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों के अलावा पंजाब सरकार के अधिकारी भी शामिल हो रहे हैं। इस बैठक में दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण में आ रही दिक्कतों पर रिपोर्ट पेश किए जाने की संभावना है।

किसानों ने दोबारा जमीन पर कर लिया कब्जा

मलेरकोटला में गांव शरोद में किसानों की जमीन का दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे के लिए प्रशासन ने अधिग्रहण किया था लेकिन कम कीमत देने के विरोध में जमीन मालिक कब्जा देने के लिए राजी नहीं थे। आज पुलिस फोर्स के साथ प्रशासन जमीन पर कब्जा लेने आया था लेकिन किसानों ने उसका विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान किसानों व पुलिस के बीच जबरदस्त झड़प हो गई और भारतीय किसान यूनियन ने जमीन पर दोबारा कब्जा कर लिया। मौके पर भारी पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है।

पंजाब सरकार ने पुलिस सुरक्षा में अ​धिग्रहण प्रक्रिया पूरी कराने के दिए थे आदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुधवार को नई दिल्ली में पंजाब में चल रहे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के प्रोजेक्टों की समीक्षा बैठक से पहले हरकत में आई पंजाब सरकार ने एक दिन पहले एनएचएआई प्रोजेक्टों के लिए भूमि अ​धिग्रहण मामलों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाने के आदेश दिए थे। जमीन एक्वायर करने की प्रक्रिया में एनएचएआई अफसरों और किसानों के बीच तनाव की स्थिति को देखते हुए पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने डीजीपी गौरव यादव को पत्र लिखकर पुलिस सुरक्षा बल की मौजूदगी में एरिया के डीएम और एसडीएम की निगरानी में अ​धिग्रहण प्रकिया पूरा करने के आदेश दिए हैं।

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उचित मुआवजा नहीं मिलने के कारण किसान कर रहे विरोध

मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने डीजीपी को पत्र लिखकर दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे के दो हिस्सों की जमीन अ​धिग्रहण कराने के लिए पुलिस बल तैनात करने को कहा था। जहां से यह एक्सप्रेस वे गुजरना है, उसका 1.34 किलोमीटर लंबा हिस्सा मालेरकोटला में और दूसरा 1.25 किलोमीटर का हिस्सा कपूरथला में आता है। यहां एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए किसानों की जमीन एक्वायर करने की प्रक्रिया में उचित मुआवजा नहीं मिलने के कारण भारी विरोध चल रहा है। मुख्य सचिव ने डीजीपी को एसएसपी मालेरकोटला और कपूरथला के साथ भारी पुलिस बल की मौजूदगी में सरकारी प्रक्रिया को पूरा कराने को कहा है, ताकि अधिग्रहण की रिपोर्ट पीएम की बैठक में पेश की जा सके।

पंजाब से गुजरेगा 295 किलोमीटर लम्बा एक्सप्रेस वे

पंजाब सरकार ने राज्य में रुकी हुई राजमार्ग परियोजनाओं पर काम फिर से शुरू करने की प्रक्रिया में तेजी ला दी है। सरकार ने किसानों को उनकी अधिग्रहित भूमि के लिए बढ़ा हुआ मुआवजा देने का आश्वासन दिया है। साथ ही, उन्हें अवैध कब्जे के खिलाफ कानूनी प्रावधानों से भी अवगत कराया है। हाल ही में मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने चंडीगढ़ में सभी उपायुक्तों के साथ मैराथन बैठक की थी। वर्मा ने बताया कि वह हर शुक्रवार को चल रही राजमार्ग परियोजनाओं, खासकर दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे की प्रगति और निर्माण कार्य में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए की गई कार्रवाई की समीक्षा कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि पंजाब से गुजरने वाले 295 किलोमीटर लंबे मुख्य एक्सप्रेस वे की 255 किलोमीटर भूमि का कब्जा शुक्रवार तक एनएचएआई को सौंप दिया गया है और 30 सितंबर तक 25 किलोमीटर भूमि का कब्जा सौंप दिया जाएगा। इसके साथ ही राज्य में एक्सप्रेस वे के कुल हिस्से का लगभग 95 प्रतिशत हिस्सा साफ हो जाएगा और शेष 15 किलोमीटर, जो मुकदमेबाजी या अन्य मुद्दों का सामना कर रहा है, का भी समय रहते काम पूरा कर लिया जाएगा।

नितिन गडकरी ने दी थी हाईवे प्रोजेक्ट रद्द करने की चेतावनी

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को 10 अगस्त को चेतावनी भरा पत्र लिखा था। गडकरी ने कहा था कि अगर पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति नहीं सुधरती है तो NHIA आठ और हाईवे प्रोजेक्ट रद्द कर देगा। इन प्रोजेक्ट की कुल लागत 14,288 करोड़ रुपए है। गडकरी ने यह पत्र दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के निर्माण में हो रही हिंसक घटनाओं के बाद लिखा था। उन्होंने एनएचआई अधिकारियों, ठेकेदारों और उनके कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए भूमि अधिग्रहण से जुड़े मुद्दों को भी उठाया था। गडकरी ने मान से इस मामले में व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की थी।

(रिपोर्ट: मोनी देवी)

 

 

 

रिपोर्ट: मोनी देवी

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