सड़क सुरक्षा फोर्स की शुरुआत के बाद पंजाब में सड़क दुर्घटना के आंकड़ों में 45 फीसदी की कमी
- सड़क सुरक्षा बल के द्वारा हर 30 किमी की दूरी पर 5,000 कर्मियों को तैनात करके सड़क सुरक्षा बढ़ा दी है। जो सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों को तुरंत प्राथमिक चिकित्सा दे रहे हैं।
पंजाब में सड़क सुरक्षा बल के द्वारा हर 30 किमी की दूरी पर 5,000 कर्मियों को तैनात करके सड़क सुरक्षा बढ़ा दी है। जो सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों को तुरंत प्राथमिक चिकित्सा दे रहे हैं। जिससे सड़क दुर्घटना के कारण हो रही मृत्यु के आंकड़ों में कमी आई है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने सड़क सुरक्षा फोर्स (एसएसएफ) की स्थापना की। सड़क सुरक्षा फोर्स की स्थापना के बाद पंजाब के लोगों को बड़ी राहत मिली है क्योंकि राज्य सरकार के इस प्रयास से सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े में 45% की कमी आई है।
सड़क सुरक्षा फोर्स का काम
सड़क सुरक्षा फोर्स न केवल सड़क दुर्घटना में घायलों को प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल पहुंचाने में मदद करती है। साथ ही दुर्घटनाओं के पीछे के कारणों की भी बारीकी से जांच करते हैं। राज्य सरकार में सड़क दुर्घटना में घायलों को मदद केवल कुछ ही मिनटों पर उपलब्ध हो सके। इसके लिए हर 30 किमी पर एसएसएफ के कर्मियों को तैनात किया गया है। एसएसएफ की टीम में अभी 5000 लोग काम कर रहे हैं।
(यह आर्टिकल पंजाब सरकार के साथ पार्टनरशिप में तैयार किया गया है। लाइव हिन्दुस्तान इसमें किए गए किसी भी तरह के दावे की पुष्टि नहीं करता है।)
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