पर्थ टेस्ट मैच के पहले दिन कुल 217 रन बने, जबकि 17 विकेट गिरे। भारतीय टीम पहले 150 रनों पर ऑलआउट हुई और फिर ऑस्ट्रेलिया ने दिन का खेल खत्म होने तक सात विकेट पर 67 रन बनाए थे।
जिस तरह से जसप्रीत बुमराह और विराट कोहली के बीच की केमेस्ट्री दिखी, यह समझ पाना मुश्किल था कि कप्तान कौन है। दरअसल बुमराह इस मैच के लिए स्टैंडइन कप्तान हैं, क्योंकि रोहित शर्मा नहीं खेल रहे हैं और विराट कोहली भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान रह चुके हैं।
ऋषभ पंत जब बैटिंग करते हैं, तो वह किस कोने में शॉट लगाएंगे, इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल होता है। मैच के पहले दिन कुल दो ही छक्के लगे, जिसमें से एक पंत के बल्ले से जबकि दूसरा बुमराह के बल्ले से निकला।
भारत के लिए पहला विकेट जसप्रीत बुमराह ने लिया। इस विकेट के साथ ही ऑस्ट्रेलियाई पारी के पतन की शुरुआत हो गई।
ऑस्ट्रेलियाई सलामी बैटर्स उस्मान ख्वाजा और डेब्यू टेस्ट खेल रहे नाथन मैकस्वीन को भी बुमराह ने ही पवेलियन भेजा। ख्वाजा के रूप में ऑस्ट्रेलिया को दूसरा झटका लगा था।
भारत की ओर से नीतीश रेड्डी और हर्षित राणा ने डेब्यू किया और दोनों ने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में प्रभावित भी किया। नीतीश रेड्डी ने बैटिंग में उपयोगी रन बनाए, तो वहीं हर्षित राणा ने खतरनाक ट्रैविस हेड को पवेलियन का रास्ता दिखाया।
बुमराह ने कभी भी ऑस्ट्रेलिया को खुलकर खेलने का मौका ही नहीं दिया। उन्होंने कसी हुई गेंदबाजी भी की और विकेट भी चटकाए। स्टीव स्मिथ को तो गोल्डन डक पर ही पवेलियन वापस भेज दिया।
मार्नस लाबुशेन जब खेलने उतरे ही थे, तो विराट ने उनका कैच ड्रॉप किया था, विराट ने शून्य पर कैच ड्रॉप किया था और लाबुशेन इसके बाद 52 गेंद पर 2 रन बनाकर आउट हुए।