26 जनवरी 2025 को भारत 76वां गणतंत्र दिवस सेलिब्रेट करने जा रहा है। इस दिन देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस मौके पर नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक आकर्षक परेड होती है और कर्तव्य पथ पर विभिन्न राज्यों और विभागों की झांकियां निकाली जाती है।
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर इस बार 10 राज्यों की झांकियां दिखाई जाएंगी। यह तस्वीर बिहार राज्य की झांकी की है। झांकी में भगवान बुद्ध को प्रदर्शित किया गया है, जो शांति का संदेश देते हुए बिहार की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।
गणतंत्र दिवस पर झांकियां भारत की सांस्कृतिक विविधता, ऐतिहासिक धरोहर, विकास की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं को प्रदर्शित करती हैं। यह मॉडल संस्कृति विभाग की झांकी का है।
विभिन्न राज्यों की झांकियां परंपराओं, नृत्यों, कला और त्योहारों का प्रदर्शन करती हैं। यह भारत की "विविधता में एकता" को उजागर करता है। ये उत्तराखंड राज्य की झांकी है।
झांकियों को एक विशेष समिति द्वारा चयनित किया जाता है। हर राज्य और विभाग अपनी थीम के साथ प्रस्ताव भेजता है। चयनित झांकी को उच्चतम कलात्मक और तकनीकी मानकों के अनुसार तैयार किया जाता है। यह झांकी भारतीय मौसम विभाग की है।
गणतंत्र दिवस पर कर्तव्यपथ पर इस बार छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत और रामनामी समुदाय की झलक देखने को मिलेगी।
गणतंत्र दिवस की झांकियां न केवल एक रंगारंग दृश्य अनुभव प्रदान करती हैं, बल्कि यह भारत की प्राचीन सभ्यता से लेकर आधुनिक प्रगति तक की यात्रा को भी दर्शाती हैं। यह झांकी पश्चिम बंगाल राज्य की है।
गणतंत्र दिवस की परेड और झांकियां राष्ट्रीय गर्व और देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देने का एक अनोखा माध्यम हैं। यह झांकी पंजाब राज्य की है।
इस बार गणतंत्र दिवस परेड के दौरान एकजुटता और एकीकरण की भावना को प्रदर्शित करते हुए पहली बार तीनों सेनाओं की झांकी कर्त्तव्य पथ पर दिखाई देगी।
गुजरात की झांकी में 12वीं सदी के वडनगर के ‘कीर्ति तोरण’ से लेकर 21वीं सदी के ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के रूप में राज्य की सांस्कृतिक विरासत को दिखाया गया है।
गणतंत्र दिवस पर इस बार कर्तव्य पथ पर 16 राज्यों और 10 मंत्रालयों के झांकी प्रदर्शित होंगे। यह तस्वीर अरुणाचल प्रदेश की झांकी की है।
यह तस्वीर ओडिशा राज्य की झांकी की है।