साल 2018 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राष्ट्रपति को मिलने वाली सैलरी में वृद्धि का ऐलान किया था। भारत के राष्ट्रपति की सैलरी 5 लाख रुपये प्रति माह होती है। राष्ट्रपति को मुफ्त आवास और दफ्तर के खर्चों के लिए 1 लाख रुपये सालाना मिलते हैं।
राष्ट्रपति पद से रिटायर होने के बाद उन्हें 1.5 लाख रुपये की पेंशन मिलती है। इसके अलावा बगैर किराए का घर, दो फ्री लैंडलाइन, मोबाइल फोन, स्टाफ, और मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलती है। साथ ही पति या पत्नी को 30 हजार रुपये प्रति माह का आर्थिक सहयोग मिलता है। राष्ट्रपति को मुफ्त आवास और दफ्तर के खर्चों के लिए 1 लाख रुपये सालाना मिलते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत के उपराष्ट्रपति की सैलरी 4 लाख रुपये प्रति माह होती है। साल 2018 में ही तत्कालीन वित्त मंत्री ने 1.25 लाख रुपये प्रति माह से बढ़ाकर सैलरी 4 लाख रुपये करने का ऐलान किया था। उपराष्ट्रपति को मुफ्त आवास, निजी सुरक्षा, मेडिकल, हवाई या ट्रेन यात्रा, लैंडलाइन, मोबाइल फोन और स्टाफ मिलता है।
एनडीटीवी और इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के प्रधानमंत्री को हर महीने कथित तौर पर 1.66 लाख रुपये मिलते हैं। इसमें संसदीय भत्ता 45000 रुपये, व्यय भत्ता 3000 रुपये, दैनिक भत्ता 2000 और बेसिक पे 50 हजार रुपये शामिल है। पीएम का आधिकारिक आवास दिल्ली स्थित 7, लोक कल्याण मार्ग होता है। खास पीएम की यात्रा के लिए एयर इंडिया वन विमान उपलब्ध होता है।
साल 2018 के बजट के दौरान तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति के साथ-साथ राज्यपालों को मिलने वाली मासिक सैलरी में भी इजाफा किए जाने की घोषणा की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्यपालों की मौजूदा सैलरी 3.5 लाख रुपये महीना होती है, जो पहले 1.1 लाख रुपये हुआ करती थी।