जीवन में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत के साथ-साथ आत्म मंथन की भी जरूरत होती है। जब तक इंसान को अपनी काबिलियत, हैसियत, और खुद की अहमियत का अंदाजा नहीं होगा, वो सही दिशा में कदम नहीं बढ़ा पाएगा। और बिना सही दिशा जानें तो सफलता की ओर एक पग बढ़ाना भी मुश्किल है। इसलिए अगर जीवन में सफल होना है, तो खुद के बारे में पूरी जानकारी होना जरूरी है और ये आपसे बेहतर भला कौन जानता है। इसलिए आगे बढ़ना है तो थोड़ा सा ठहरना भी जरूरी है। शांत मन से खुद को टटोलना भी जरूरी है और कुछ सवालों के जवाब ढूंढना भी जरूरी है।
आचार्य चाणक्य भारत के इतिहास में हुए उन विद्वानों में से एक हैं, जिनकी बातें आज भी लोगों का मार्गदर्शन करने का काम कर रही हैं। उन्होंने जीवन के लगभग हर एक पहलू पर अपने स्पष्ट विचार रखे। जीवन में कोई भी व्यक्ति कैसे सफलता पा सकता है, इसपर तो आचार्य ने खूब लिखा। उन्होंने भी इस बात पर जोर दिया कि व्यक्ति को समय-समय पर खुद से कुछ जरूरी सवाल कर लेने चाहिए ताकि उसके सामने चीजें स्पष्ट हो सकें और वो अपने जीवन की सही राह चुन पाए। आइए जानते हैं आचार्य ने खुद से किन सवालों के जवाब तलाशने की बात कही है।
हर इंसान के जीवन में उतार-चढ़ाव तो लगे ही रहते हैं। कभी सुख तो कभी दुख, जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। आपका समय कैसा चल रहा है, इसके बारे में समय-समय पर खुद से सवाल जरूर करते रहें। जीवन के उतार-चढ़ाव से घबराने के बजाय, इस पर आत्ममंथन करें। अगर जीवन में दुख है तो किन कारणों से है, उससे बाहर निकलने का समाधान क्या है; ये आपको तभी पता चलेगा जब आप शांत मन से इस पर विचार करेंगे।
आपका सच्चा मित्र कौन है, इसके बारे में भी इंसान को जानकारी होना बहुत जरूरी है। हर इंसान के जीवन में कई तरह के लोग होते हैं लेकिन सब पर आंख मूंद कर भरोसा कर लेना समझदारी नहीं। अगर आपको जीवन में तरक्की पानी है, तो इंसान की परख होना जरूरी है। कौन सा इंसान आपका सच्चा साथी है और कौन सिर्फ दिखावे के लिए आपके साथ है, इस बात को भी आप तभी समझ पाएंगे जब खुद से एकांत में इसे लेकर सवाल करेंगे।
इंसान जिस जगह पर रहता है, उस माहौल का उसके जीवन पर गहरा असर पड़ता है। इसलिए अपने माहौल को अच्छा रखना जरूरी है। हर इंसान को खुद से ये सवाल करना चाहिए कि वह जिन लोगों के साथ उठ- बैठ रहा है, क्या वो उसके लिए सही हैं। आपके आसपास के माहौल का आपके जीवन पर पॉजिटिव असर पड़ रहा है या नेगेटिव, इसके बारे में विचार करना जरूरी है। अगर आपके माहौल का आपके जीवन पर नेगेटिव असर पड़ रहा है तो उसे बदलने का प्रयास करें।
इंसान अपने जीवन में तरक्की तभी हासिल करता है, जब उसे अपनी कमाई और खर्च के बीच बैलेंस बनाना आता है। वो कहावत तो आप सब ने सुनी होगी 'उतने पैर पसारिए जितनी लंबी सौर', इस कहावत का अर्थ है कि आदमी को अपनी आमदनी को ध्यान में रखकर ही खर्चा करना चाहिए। हर इंसान को इस पर विचार जरूर करना चाहिए कि उसकी कमाई कितनी है और उसका खर्चा कितना है। साथ ही कोशिश करनी चाहिए की जितनी कमाई हो, खर्च उससे कम ही हो और बचत की जा सके।
हर इंसान में अलग अलग गुण होते हैं। किसी को पढ़ाई में रुचि है तो किसी को संगीत में, कोई अच्छी आर्ट बना सकता है तो कोई स्वादिष्ट खाना। इसके अलावा हर इंसान का इंटरेस्ट ऑफ एरिया भी अलग-अलग होता है। कोई बिजनेस करना चाहता है तो कोई इंजीनियर बनना चाहता है, किसी को डॉक्टर बनना है तो कोई एक्टर बनने के सपने देखता है। ऐसे में जीवन में सफल होने के लिए हर इंसान को अपनी काबिलियत जरूर पहचाननी चाहिए। किस काम में आपका मन लगता है और कौन से काम को आप आसानी से कर सकते हैं, इस पर विचार जरूर करें। अपनी काबिलियत को पहचानकर ही भविष्य की प्लानिंग करें। इसके बाद आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।