यूपीएससी की परीक्षा मुश्किल परीक्षा में से एक होती है। जिसे पास करने के लिए दिन रात एक करने पड़ते हैं। आज हम आपको ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने यूपीएससी के चौथे प्रयास में रैंक 18 हासिल कर IAS ऑफिसर बनने का सपना पूरा किया है। बता दें, इनका नाम रवि सिहाग है। इन्होंने हिंदी मीडियम से यूपीएससी परीक्षा पास की है। एक सेमिनार में रवि ने यूपीएससी की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को कुछ जरूरी टिप्स दिए हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
राजस्थान के रहने वाले रवि ने बताया, जो उम्मीदवार यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं, सबसे पहले उन्हें पता होना चाहिए कि इस परीक्षा को पास करने के लिए सबसे पहले क्या क्या पता होना चाहिए। ऐसे में सबसे पहले सिलेबस के बारे में उम्मीदवारों को अच्छे से पता होना चाहिए। बिना सिलेबस को जाने यूपीएससी की तैयारी करने की भूल ना करें।
दूसरी चीज जो उम्मीदवारों को पता होनी चाहिए वो है PYQ यानी Previous Year Question (पिछले साल के प्रश्न) रवि ने बताया PYQ के माध्यम से ये पता चल जाता है यूपीएससी किस तरह के प्रश्न पूछता है। PYQ की किताब भी उपलब्ध है, जिसके माध्यम से आप मदद ले सकते हैं।
रवि ने बताया, अगर आप यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं को मेन्स के लिए टॉपर्स की कॉपी को देखने में संकोच न करें, क्योंकि जो उम्मीदवार पहली बार मेन्स लिखने जा रहे हैं, उन्हें नहीं पता होता कि कैसे लिखना है, ऐसे में हिंदी और इंग्लिश मीडियम के टॉपर्स की कॉपी जरूर देखें और उनके लिखने के तरीके को समझें।
यूपीएससी के उम्मीदवारों को मैं सलाह देना चाहता हूं कि NCERT पर कमांड होनी चाहिए। NCERT में बेसिक नॉलेज है और UPSC में भी बेसिक प्रश्न पूछे जाते हैं। ऐसे में आपको कुछ एडवांस्ड पढ़ने की जरूरत नहीं है। प्रीलिम्स की तैयारी के लिए बेसिक सिलेबस में आपको हिस्ट्री, पॉलिटी, जियोग्राफी, इकोनोमिक्स, साइंस एंड टेक्नोलॉजी और एनवायरमेंट पढ़ने की जरूरत है।
रवि ने कहा इस परीक्षा की तैयारी बेहतर हो सकती है अगर आप खुद से शॉर्ट नोट्स बनाएं, परीक्षा के आखिरी दिनों में ये नोट्स आपकी काफी मदद करेंगे।
रवि ने कहा, पढ़ने के लिए टाइम टेबल जरूरी है, लेकिन टाइम टेबल फ्लेक्सिबल होना चाहिए। जिसे आप फॉलो कर सके। ऐसे टाइम टेबल बनाने का कोई फायदा नहीं है जिसे आप फॉलो न कर सके।
वि ने बताया 12वीं के बाद यूपीएससी की तैयारी में न पड़े, कॉलेज लाइफ जीएं, उस दौरान खुद पर काम करें, अपनी पर्सनालिटी डेवलप करें। कॉलेज के सेकंड ईयर के लास्ट में आप तैयारी शुरू कर सकते हैं।
इस परीक्षा की तैयारी के दौरान डिमोटिवेट होना नेचुरल है ऐसे में इससे ना घबराएं और अपनी तैयारी पर फोकस रखें।
0 रवि ने कहा, आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस जरूरी है। जब आपको सिलेबस थोड़ा बहुत कंप्लीट हो जाएं आप आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं।