पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत रजिस्टर्ड 12.14 करोड़ किसानों में करीब 25 फीसद महिलाएं हैं। तो क्या पत्नी और पति के नाम से खेती योग्य जमीन है तो दोनों इस योजना का लाभ उठा सकते हैं?
पीएम किसान योजना किसान परिवार के लिए है और परिवार का आशय पति-पत्नी व दो नाबालिग बच्चे से है। ऐसे में अगर पति, पत्नी में से कोई एक ही इस योजना का लाभ उठा सकता है, जिसका नाम खतौनी में दर्ज है।
पीएम किसान पोर्टल पर दिए गए लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक 2825494 किसानों का ट्रांजैक्शन फेल हो चुका है। वहीं, 14.05 लाख से अधिक किसानों का पेमेंट राज्य सरकारें ही रोक दी हैं। जबकि पीएफएमएस द्वारा 31.61 लाख किसानों का डेटा पहले ही लेवल पर खारिज किया जा चुका है। इसके अलावा 27 लाख से अधिक किसानों का डेटा भी रिजेक्ट किया जा चुका है।
इस स्कीम का फायदा उठाने वाले अपात्रों की अब खैर नहीं। उत्तर प्रदेश में ऐसे किसानों से वसूली की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मैनपुरी जिले में शासन ने 9219 अपात्र किसानों की सूची कृषि विभाग को भेजी है। विभाग ने इन अपात्र किसानों को नोटिस जारी कर पीएम किसान का पैसा जमा कराने के आदेश दिए हैं।
देश में 42 लाख से अधिक अपात्र लोगों ने गलत तरीके से पीएम किसान के तहत 2000-2000 रुपये की किस्त के रूप में 2,900 करोड़ रुपये का चूना सरकार को लगा चुके हैं। यह जानकारी खुद केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में एक सवाल के जवाब में दी थी।
यदि कोई किसान खेती कर रहा है, लेकिन खेत उसके नाम नहीं है तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। अगर खेत उसके पिता या दादा के नाम है तब भी वे इस योजना का फायदा नहीं उठा सकते। अगर कोई खेती की जमीन का मालिक है, लेकिन वह सरकारी कर्मचारी है या रिटायर हो चुका हो कोई व्यक्ति खेत का मालिक है, लेकिन उसे 10000 रुपये महीने से अधि
अगर परिवार में कोई टैक्सपेयर है तो इस योजना का लाभ उसे नहीं मिलेगा। जो लोग खेती की जमीन का इस्तेमाल कृषि कार्य की जगह दूसरे कामों में कर रहे हैं। बहुत से किसान दूसरों के खेतों पर किसानी का काम तो करते हैं, लेकिन खेत के मालिक नहीं होते।