मोदी सरकार के बनने से जस्ट पहले 1 मई 2014 से तुलना करें तो बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर दिल्ली में 44 रुपये सस्ता है, जबकि 1 मई 2014 को यह 928.5 रुपये था। बता दें सिलेंडर के रेट भले ही मनमोहन सरकार की तुलना में आज कम लग रहे हों, लेकिन सब्सिडी लेने वाले उपभोक्ताओं के लिए यह काफी महंगा पड़ रहा है।
बता दें 1 जून 2014 को बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत 905 रुपए प्रति सिलेंडर थी, जबकि सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत 414 रुपए थी। संप्रग सरकार ने सितंबर 2012 तय किया था कि लोगों को साल में छह सब्सिडी वाले सिलेंडर मिलेंगे, बाद में जनवरी 2013 में दिल्ली में इनकी संख्या बढ़ाकर नौ कर दी गई थी।
एक सितंबर को 25 रुपये की बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में 14.2 किलोग्राम के गैर-सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर का दाम 884.50 रुपये हो गया है। अगर मोदी सरकार के दोनों कार्यकाल की बात करें तो दिल्ली में गैर-सब्सिडी वाला एलपीजी सिलेंडर जनवरी 2014 के मुकाबले 355.50 रुपये सस्ता है।
दिल्ली में इस साल जनवरी में LPG सिलेंडर का दाम 694 रुपये था, जिसे फरवरी में बढ़ाकर 719 रुपये प्रति सिलेंडर किया गया। 15 फरवरी को दाम बढ़ाकर 769 रुपये कर दिए गए। इसके बाद 25 फरवरी को एलपीजी सिलेंडर के दाम 794 रुपये कर दिए गए। मार्च में LPG सिलेंडर के दाम को 819 रुपये कर दिया गया।
सब्सिडी वाले एलपीजी की कीमत में एक जनवरी से कुल 165 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी हो चुकी है। सरकार ने हर महीने दरों में बढ़ोतरी कर एलपीजी पर मिलने वाली सब्सिडी को खत्म कर दिया है। घरेलू रसोई गैस की कीमत पिछले सात वर्षों में दोगुनी से अधिक हो गई है। एक मार्च 2014 को खुदरा बिक्री मूल्य 414 रुपये था।
गैर-सब्सिडी वाले रसोई गैस की दरों में एक अगस्त को इसी अनुपात में वृद्धि की गई थी, और अब सब्सिडी वाले रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि की गई है। इसके साथ ही सब्सिडी वाली और बिना सब्सिडी वाली रसोई गैस की दरों में शायद ही कोई अंतर हो। एक जनवरी 2014 को दिल्ली में नॉन सब्सिडी वाला एलपीजी सिलेंडर 1241 रुपये का था।